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42 लोक शिकायतों में मात्र 11 का ही निबटारा

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जांच में हो रही है देरी पटना : कभी अवैध रूप में आरा मिल चलाने के नाम पर, तो कभी बड़े-बड़े जेनेरेटरों के नाम पर लोक शिकायतों के मामले बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में दर्ज किये जा रहे हैं. इस वर्ष कुल 42 शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं, लेकिन इनमें […]

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जांच में हो रही है देरी
पटना : कभी अवैध रूप में आरा मिल चलाने के नाम पर, तो कभी बड़े-बड़े जेनेरेटरों के नाम पर लोक शिकायतों के मामले बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में दर्ज किये जा रहे हैं. इस वर्ष कुल 42 शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं, लेकिन इनमें निष्पादन मात्र 11 का ही हो पाया है. दरअसल दर्ज शिकायतों का निबटारा करने में कम-से-कम दो से चार माह का समय लगता है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें, तो दर्ज लोक शिकायतों में कई मामले दूर-दराज के जिले के होते हैं. उन इलाकों में जाकर जांच करने में ही काफी समय लग जाता है.
साथ ही कई आवेदन एेसे होते हैं, जिनमें शिकायतकर्ता मिल और कारखाने का सही-सही पता अंकित नहीं करते हैं. इससे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उन इलाकाें का विजिट तक नहीं कर पाता है. इससे शिकायतों के आलोक में न तो जांच हो पाती है और न ही उसका निबटारा. मामले की जब जांच की जाती है, तो पाया जाता है कि कुछ कारखाने संचालकों द्वारा संचालन के लिए एनओसी तो लिया गया है, लेकिन कुछ बिना परमिशन के ही चलाये जा रहे हैं.
कुछ का समय सीमा समाप्त हो गया है, लेकिन बिना रिन्युअल के ही उनको संचालित किया जा रहा है. ऐसे में उन कारखानों को अवैध घोषित कर उसे बंद करने का नोटिस भेजा जा रहा है. अब तक तक दस ईंट-भट्ठे व आरा मिलों को बंद कराया गया है. विजिट कर अवैध रूप से पाये जाने के बाद उसे बंद कराने का नोटिस भेजा जाता है. साथ ही इसके लिए जिलाधिकारी को इस संबंध में पत्र भेजा जाता है.

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