मुसीबत. अनियोजित वाहन पार्किंग व मुख्य सड़क पर अतिक्रमण के कारण
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थमती जा रही है शहर की रफ्तार
मुसीबत. अनियोजित वाहन पार्किंग व मुख्य सड़क पर अतिक्रमण के कारण शहरी जनसंख्या के हिसाब से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. ऐसा इसलिए कि मुख्यालय की मुख्य सड़क ही नहीं अब तो गली मुहल्ले की सड़कों पर भी जाम की समस्या अक्सर दिखती है. अररिया : शहर […]
शहरी जनसंख्या के हिसाब से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. ऐसा इसलिए कि मुख्यालय की मुख्य सड़क ही नहीं अब तो गली मुहल्ले की सड़कों पर भी जाम की समस्या अक्सर दिखती है.
अररिया : शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दिन ब दिन बदतर होती जा रही है. या यूं कहिये कि बढ़ती शहरी जनसंख्या के हिसाब से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. ऐसा इसलिए कि मुख्यालय की मुख्य सड़क ही नहीं अब तो गली मुहल्ले की सड़कों पर भी जाम की समस्या अक्सर दिखती है. ऐसे में छोटे-बड़े जाम में फंस कर घंटों अपना समय बरबाद करने की लोगों की मुश्किलें शहर में बढ़ती ही जा रही है.
दरअसल शहर की जनसंख्या के साथ-साथ सड़कों पर चलने वाले दो पहिया व चार पहिया वाहनों की संख्या रोज बढ़ रही है. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में लोग रोज अपने अलग-अलग कार्यों से मुख्यालय पहुंचते हैं. बड़ी संख्या में लोगों के रोज मुख्यालय पहुंचने से खास कर काम के घंटों में यहां की ट्रैफिक पर भारी दबाव होता है. इसके बाद भी ट्रैफिक को नियंत्रित करने सहित शहर वासी को इस जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिये किसी तरह का प्रशासनिक प्रयास अब तक सिफर ही रहा है.
शहर की रफ्तार भी हो रही है प्रभावित : रोज लगने वाले जाम शहरी लोगों के रफ्तार को प्रभावित करने लगा है. काम के मुख्य घंटों में शहर के मुख्य सड़कों पर गाड़ियां चलने की जगह सरकती हुई जान पड़ती है. खास कर चांदनी चौक से जीरो माइल, चांदनी चौक से रानीगंज बस स्टैंड, महादेव चौक से चांदनी चौक व काली मंदिर से गोढ़ी चौक जाने वाली सड़कों का तो यही हाल है. सुबह दस बजे के बाद दोपहर दो बजे तक सड़कों पर अक्सर जाम लगे होते हैं.
इस दौरान लोगों को चंद किलोमीटर की दूरी तय करने के लिये ही घंटों समय बर्बाद करने पड़ जाते हैं. चांदनी चौक, अस्पताल रोड़, जीरो माइल, बस स्टैंड सहित हटिया जाने वाली सड़क शहर के कुछ ऐसे सड़कों में शामिल हैं. जहां लोग बिना किसी मजबूरी के आने-जाने से परहेज करने लगे हैं.
जाम में चलने की बजाय सरकते नजर आते हैं लोग
शहर में जाम से परेशान हैं लोग.
अतिक्रमण दे रहा जाम को बढ़ावा
शहर में गहराती जाम की समस्या के पीछे स्थायी ऑटो स्टैंड की कमी को बड़ी वजह बताया जाता है. स्थायी स्टैंड नहीं होने से ऑटो चालकों को जहां तहां अपना ऑटो पार्क करने की छूट मिली हुई है. यही वजह है कि सदर अस्पताल की मुख्य गेट, पीएचइडी के सामने वाली सड़क व चांदनी चौक चौराहा ऑटो चालकों का स्थायी पड़ाव बन चुका है. इसके साथ ही ऑटो चालकों को जहां तहां रूकने व चलने की आजादी भी मिली हुई है.
जो समस्या को और भी गंभीर बनाता है. साथ ही सड़क दुर्घटना को भी बढ़ावा देता है. इसके अलावा सभी छोटी बड़ी सड़कों का जारी अतिक्रमण भी जाम की समस्या को बढ़ावा दे रहा है. अतिक्रमण के कारण शहर की सड़कें संकीर्ण होते जा रही है. इससे दो तीन वाहन साथ में गुजरते ही जाम विकराल रूप लेने लगा है.
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