समस्तीपुर : जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के एचएम मंगलवार से मध्याह्न भोजन से खुद को अलग रखेंगे. इससे जिले के 2660 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब आठ लाख बच्चों को हर दिन मिलने वाले एमडीएम पर संकट के बादल छा गये हैं. शिक्षकों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों ने इसे आर्थिक शोषण का जरिया बना लिया है. इसे और नहीं झेला जा सकता है. इसको लेकर कई बार आवाज तेज हुई, लेकिन इसे दबाने का प्रयास किया गया.
अब ऐसा नहीं होगा.
नियमों का हवाला देते हुए शिक्षक कहते हैं कि उन्हें केवल शिक्षण कार्य के लिए बहाल किया गया है. गैर शैक्षणिक कार्य उन्हें नहीं करना है. जब से मध्याह्न भोजन योजना से शिक्षकों को जोड़ा गया है, शैक्षणिक व्यवस्था के साथ-साथ उनके मान-सम्मान में भी कमी आयी है. बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की अगुवाई में शिक्षक इस आंदोलन में शामिल होंगे. दूसरी ओर, बिहार राज्य मिड डे मील वर्कर्स यूनियन के जिलाध्यक्ष रामप्रकाश यादव ने कहा कि विद्यालय
समस्तीपुर में आज
समस्तीपुर के आठ
में रसोइया अपने कार्य पर पूर्व की भांति उपस्थित रहेंगे. यदि कोई उन्हें भोजन सामग्री उपलब्ध कराता है, तो रसोइया अपना काम करेंगे.
इधर, डीपीओ एमडीएम संजय चौधरी ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों से बातचीत हुई है. उनका कहना है कि शिक्षकों को इस कार्य से अलग रखा जाये. इसको लेकर उनसे वैकल्पिक व्यवस्था संबंधी मार्गदर्शन भी मांगे गये हैं. संगठन की ओर से आनेवाले सुझावों को डीइओ के माध्यम से राज्य स्तर पर भेजा जायेगा.
इस बीच, विभागीय निर्देश के आलोक में हर हाल में सभी एचएम को मध्याह्न भोजन योजना का संचालन करना है. स्कूल आने वाले जिले के सभी बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने जिम्मेदारी एचएम की है.
समस्तीपुर में आज से नहीं बनेगा िमड डे मील
प्रधानाचार्यों का फैसला
2660 प्राथमिक व मध्य िवद्यालयों के प्रधानाचार्यो का िनर्णय