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मोबाइल कंपनियों को नोटिस

नगर परिषद. पंद्रह दिनों में बकाया राशि जमा करने का अल्टीमेटम डेडलाइन के बाद कार्रवाई शुरू करेगा नप प्रशासन समस्तीपुर : नगर परिषद ने शहरी क्षेत्र में लगे मोबाइल टावरों से टैक्स वसूली के लिए विभिन्न कंपनियों को नोटिस भेजा है. इसमें नवीकरण शुल्क और बकाया राशि जमा करने का उन्हें निर्देश दिया गया है. […]

नगर परिषद. पंद्रह दिनों में बकाया राशि जमा करने का अल्टीमेटम

डेडलाइन के बाद कार्रवाई शुरू करेगा नप प्रशासन
समस्तीपुर : नगर परिषद ने शहरी क्षेत्र में लगे मोबाइल टावरों से टैक्स वसूली के लिए विभिन्न कंपनियों को नोटिस भेजा है. इसमें नवीकरण शुल्क और बकाया राशि जमा करने का उन्हें निर्देश दिया गया है. इसके लिए 15 दिनों तक का वक्त दिया गया है. समय सीमा के अंदर राशि जमा नहीं करने वाले मोबाइल कंपनियों के टावरों के विरुद्ध नप प्रशासन कार्रवाई के लिए तैयार है. जानकारी के अनुसार, 29 वार्ड में फैले नगर परिषद क्षेत्र में विभिन्न कंपनियों के 29 मोबाइल टावर लगे हैं. इससे प्रत्येक वर्ष नगर परिषद को नवीकरण शुल्क के रूप में 10 हजार रुपये मिलने हैं.
लेकिन पिछले करीब चार वर्षों से यह राशि जमा नहीं करायी जा रही है. इससे नगर परिषद को राजस्व की भारी क्षति हो रही है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर परिषद प्रशासन ने इन टावरों के मोबाइल कंपनियों को नोटिस भेज कर अविलंब नवीकरण का बकाया के साथ अद्यतन राशि जमा करने का आदेश दिया गया है.
नोटिस भेजे जाने के कई दिनों बीत जाने के बाद भी इन टावरों की ओर से राशि जमा नहीं करायी गयी है. इसे भांपते हुए नगर परिषद प्रशासन ने पंद्रह दिनों के बाद कार्रवाई का मन बना लिया है. नगर परिषद प्रशासन राजस्व वसूली को लेकर दंडाधिकारी नियुक्त करने की तैयारी में है. इसके माध्यम से इन टावरों को सील किया जायेगा. बताया गया है कि विभिन्न मोबाइल कंपनियों पर नगर परिषद का 94 लाख 20 हजार दो सौ रुपये बाकी हैं. यदि समय सीमा के अंदर राशि जमा नहीं हुई, तो बिहार संचार मीनार व संबंधित नियमावली 2012 की अधिसूचना के आलोक में कार्रवाई आरंभ कर दी जायेगी. ज्ञात हो कि मोबाइल टावर की स्थापना के लिए निबंधन शुल्क 40 हजार रुपये निर्धारित हैं. वहीं प्रत्येक टावर को 10 हजार रुपये प्रत्येक वर्ष नवीकरण शुल्क जमा कराना है.
ब्याज ने फंसाया मामला : मोबाइल टावरों से राजस्व वसूली के लिए नगर परिषद प्रशासन द्वारा भेजी गयी नोटिस में बकाया राशि पर डेढ़ फीसदी ब्याज माह की दर से जोड़ा गया है. इसके कारण कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. सूत्र बताते हैं कि नप की ओर से नोटिस भेजे जाने के बाद कंपनियों की ओर से नप कार्यालय में संपर्क साधा जा रहा है. इस क्रम में ब्याज की राशि माफ करने के लिए अनुरोध किया जा रहा है. लेकिन नप प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं है. इसके कारण यह मामला अटका हुआ है.
हाइ कोर्ट में है मामला
टावरों से नवीकरण शुल्क जमा कराये जाने को लेकर वर्षों से गतिरोध चल रहा है. मोबाइल कंपनियां इस मुद्दे को लेकर हाइ कोर्ट में मामला दायर कर रखा है. लेकिन न्यायालय ने अब तक अपना फैसला नहीं सुनाया है. कंपनियां प्रतीक्षा में हैं कि कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद कदम उठाये. इस बीच नगर परिषद की ओर से टावरों को भेजी गयी नोटिस ने उनके समक्ष नयी मुसीबत पैदा कर दी है. देखना है कि नप और कंपनियां इस मसले में क्या कदम उठाते हैं.

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