9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अब भी लोगों के जेहन में जिंदा है करोड़ों का मुरदा

31 जुलाई 2015 को फानूस की हुई थी रहस्यमय मौत नोट डबलर गिरोह का सरगना था फानूस जैनेंद्र : नोट डबलर गिरोह के सरगना और कथित रूप से फानूस बैंक ऑफ विनोबा ग्राम के निदेशक मरहुम फानूस मरने के बाद भी रहस्य बना हुआ है. रहस्य बने रहने की वजह भी है कि मोटे अनुमान […]

31 जुलाई 2015 को फानूस की हुई थी रहस्यमय मौत

नोट डबलर गिरोह का सरगना था फानूस
जैनेंद्र : नोट डबलर गिरोह के सरगना और कथित रूप से फानूस बैंक ऑफ विनोबा ग्राम के निदेशक मरहुम फानूस मरने के बाद भी रहस्य बना हुआ है. रहस्य बने रहने की वजह भी है कि मोटे अनुमान के तौर पर 100 करोड़ से अधिक रुपये लेकर फानूस इस दुनिया से विदा हो चुका है. यह सैकड़ों करोड़ रुपये उन कोसी और सीमांचल के हजारों मेहनतकश लोगों के हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई इसलिए दावं पर लगा दी कि फानूस से जुड़ कर उनकी मुफलिसी और बदहाली दूर हो सके. लेकिन ऐसा नहीं हो सका और लोगों की पूरी जिंदगी की कमाई फानूस के साथ ही दफन हो गयी.
हैरानी की बात यह है कि जिन लोगों के पैसे डूब चुके हैं, वे इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि फानूस की मौत हो चुकी है. फानूस के जिंदा रहने पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है. पुलिस की फाइल में फानूस ने 31 जुलाई 2015 की शाम आत्महत्या कर लिया. लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उसकी मौत हत्या थी या आत्महत्या, आज भी सवालों के घेरे में है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस पूरे प्रकरण की कभी मुकम्मल जांच नहीं हुई. लिहाजा फानूस आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है.
उच्च न्यायालय में दायर है जनहित याचिका : फानूस बैंक से घोषित और अघोषित रूप से जुड़े लोग फानूस की मौत को रहस्यमय मानते हैं. यही वजह रही कि अंतत: पुलिस की जांच-पड़ताल से निराश जानकीनगर के एक एनजीओ ज्ञानदीप चहुमुखी विकास सदन ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर मामले की सीबीआइ जांच की मांग की. जारी जनहित याचिका में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि फानूस और उसके एजेंट मो सिकंदर, मो मुसलिम, मो जुबेर, मो मन्नान, मो बबलू, मो फरहान जैसे करीब 40 एजेंट ने हजारों लोगों से हजारों करोड़ रुपये नोट दुगुना करने के नाम पर वसूली कर हड़प लिया.
याचिका में बकायदा 1600 आदमी की सूची भी लगायी गयी है. वहीं जानकार मानते हैं कि फानूस बैंक के हाथों लूटे लोगों की संख्या 10 हजार से अधिक है. याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि यह भी पता हो कि हजारों करोड़ रुपये का इस्तेमाल आखिर कहां हुआ.
क्यों लोग मानते हैं कि फानूस है जिंदा : दरअसल फानूस की रहस्यमय मौत के बाद से ही यह बात हवा में तैरती रही है कि फानूस आज भी जिंदा है.
ऐसा कहने वाले कई तर्क भी देते हैं, लेकिन कोई पुख्ता तर्क अब तक सामने नहीं आया है. लेकिन जानकीनगर के इलाके में ऐसे लोगों की संख्या है बहुसंख्यक है, जो मानते हैं कि असली फानूस आज भी जिंदा है. उनका कहना है कि मौत नकली फानूस की हुई है. इस विश्वास का कारण स्थानीय लोग फानूस के परिजनों की गतिविधि को बताते हैं. फानूस की मौत के बाद बेटे की मौत की चिंता फानूस के माता-पिता को नहीं है और न ही अन्य किसी परिजन के चेहरे पर कोई चिंता नजर आती है. इसके अलावा फानूस के परिजनों की अन्य कई गतिविधियां फानूस के जिंदा रहने के शक को हवा देती रही है.
पुलिसिया जांच पर उठती रही है उंगली : फानूस की मौत के बाद से ही पुलिस की जांच पर सवाल उठते रहे हैं. आम लोग आत्महत्या के तर्क को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि घटना के दिन फानूस ने खुद सैकड़ों लोगों को पैसा बांटने के लिए बुलाया था. अगर उसे आत्महत्या ही करनी थी तो उस वक्त कर लेता, जब वह परेशानी के दौर से गुजर रहा था.
घटना के बाद तत्काल ही फानूस के खास मो सिकंदर की गिरफ्तारी हुई थी और उसके पास से लैपटॉप भी बरामद हुआ था. लेकिन लैपटॉप से क्या कुछ हासिल हुआ, यह आज भी रहस्य ही बना हुआ है. जबकि फानूस को करीब से जानने वालों का मानना है कि सारा लेन-देन का हिसाब उसी लैपटॉप में दर्ज था.
आम लोग यह भी सवाल उठाते हैं कि क्यों नहीं फानूस के पिता मुसलिम और भाई रब्बान से घटना के तत्काल बाद पूछताछ की गयी थी. लोगों का कहना है कि पूरे मामले को पुलिस ने हल्के तौर पर लिया. जिसका नतीजा यह रहा कि गरीबों के हजारों करोड़ रुपये डूब गये और गरीब कंगाल हो गया.
सैकड़ों लोगों ने फानूस बैंक ऑफ विनोबा ग्राम में करोड़ों कर रखे थे निवेश
पुलिस मानती रही है फानूस की मौत को आत्महत्या
आम लोग मानते हैं कि फानूस आज भी है जिंदा
पुलिसिया अनुसंधान पर आज भी उठ रहे हैं सवाल
कहां है फानूस की पत्नी व बेटी
फानूस की जब रहस्यमय मौत हुई थी, तो उस वक्त फानूस की पत्नी साजन विनोबा ग्राम में मौजूद नहीं थी. घटना के बाद वह विनोबा ग्राम पहुंची थी. लेकिन उसके बाद से फिर कभी फानूस की बीबी विनोबा ग्राम में नजर नहीं आयी. बताया जाता है कि वह बहरहाल अररिया जिला के भरगामा थाना क्षेत्र के कदमाहा गांव स्थित अपने मायके में अपनी बेटी रानी के साथ रह रही है. हालांकि फानूस के पिता इस बाबत कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. वहीं कदमाहा के लोगों की मानें तो अक्सर फानूस के ससुराल में दो-चार दिनों के अंतराल पर देर रात लग्जरी वाहन पहुंचता है
और कुछ घंटे के बाद वापस भी चला जाता है. यह आशंका को इसलिए बल देता है कि फानूस के ससुर मामूली राजमिस्त्री है और उसके घर लग्जरी वाहन जाने के कुछ और ही मतलब निकलते हैं. सूत्र तो यह भी बतलाते हैं कि फानूस की बीबी साजन अक्सर घंटों किसी से मोबाइल पर बात करती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें