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दो वर्ष बाद भी नहीं किया गया शिक्षकों के मानदेय का भुगतान
छपरा : एक तरफ सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति स्वयं को कृतसंकल्पित बताती है व शिक्षकों के वेतन भुगतान न होने पर अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी देती है. परंतु हकीकत में शिक्षा विभाग के अधिकारियों व बाबुओं पर इस संकल्प व चेतावनी का कोई असर नहीं होता और वे अपनी ही धुन में मगन […]
छपरा : एक तरफ सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति स्वयं को कृतसंकल्पित बताती है व शिक्षकों के वेतन भुगतान न होने पर अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी देती है. परंतु हकीकत में शिक्षा विभाग के अधिकारियों व बाबुओं पर इस संकल्प व चेतावनी का कोई असर नहीं होता और वे अपनी ही धुन में मगन रहते है. इसी का नतीजा है कि मढ़ौरा 93 नगर व प्रखंड शिक्षकों का वेतन भुगतान उनकी नियुक्ति के दो वर्षों में भी प्रारंभ नहीं हो सका. शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अलावा चुनाव कार्य, सर्वे आदि कार्य तो लिये जा रहे हैं, परंतु वेतन के लिए शिक्षक अधिकारियों के दरवाजे-दरवाजे घुमने को विवश है. हद तो यह है कि हाइकोर्ट के आदेश का भी असर नहीं हुआ व वेतन भुगतान को प्रक्रिया में ही उलझा कर रखा गया है.
वेतन न मिलने से हालात बदतर : वेतन पाने से वंचित शिक्षक आफताब आलम, अमरजीत मांझी, राजकुमार मांझी, संतोष, शैलेंद्र मांझी, जीतेंद्र निराला, अशोक मांझी, इंद्रजीत कुमार ने डीएम को आवेदन देते हुए भुगतान का आग्रह किया है. फरवरी 2014 से लेकर विभिन्न तिथियों में मढ़ौरा इओ व बीडीओ ने उनकी नियोजन किया.परंतु आज तक वेतन भुगतान न हो सकने के कारण भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
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