जलपाईगुड़ी जिला परिषद में कुल सदस्य संख्या 19 है. इनमें से 15 सीटें वाम मोरचा के पास थीं और तृणमूल के पास चार सीटें थीं. लेकिन बीते दस दिनों में वाम सभाधिपित, सह-सभाधिपति समेत 10 सदस्यों ने तृणमूल में योगदान दे दिया. सुनील राय अभी तक तृणमूल में नहीं गये हैं. इस तरह वाम मोरचा के पास केवल 4 सीटें बची हैं. गुरुवार को नूरजहां बेगम ने तृणमूल के 14 सदस्यों के साथ अपने कक्ष में बैठक की. जिला तृणमूल की ओर से जिला परिषद के हॉल में इन सभी को सम्मानित किया गया. सीपीएम से तृणमूल में आये सदस्य जगदीश राय ने बताया कि हम 14 लोगों ने मिलकर जलपाईगुड़ी के विभागीय कमिश्नर को जिला परिषद में तृणमूल के बहुमत के बारे में लिखित रूप से बता दिया है. विभागीय कमिश्नर के जवाब का इंतजार चल रहा है.
जवाब मिलते ही तृणमूल परिचालति बोर्ड का गठन हो जायेगा. जलपाईगुड़ी के अतिरिक्त जिला अधिकारी अम्लानज्योति साहा ने बताया कि पंचायत कानून के मुताबिक सभाधिपति और सह सभाधिपति अपने पद से त्यागपत्र नहीं देते. इसलिए जिला परिषद में अपने बहुमत का दावा करते हुए सभाधिपति कोई बैठक कर सकते/सकती हैं. 2014 के अक्तूबर माह में जलपाईगुड़ी जिला परिषद से टूटकर अलीपुरद्वार जिला परिषद का गठन हुआ. उसी दिन जलपाईगुड़ी जिला परिषद का भी पुनर्गठन हुआ. सभाधिपति के शपथ लेने के ढाई साल तक उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि इस तरह नवंबर से पहले उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना संभव नहीं है. इन स्थितियों में अगर विभागीय कमिश्नर नवंबर मध्य तक भी कोई फैसला नहीं लेते हैं, तो नूरजहां बेगम के नेतृत्व में वर्तमान बोर्ड ही काम करता रहेगा. उसे कोई समस्या नहीं आयेगी. नूरजहां के नेतृत्व में तृणमूल के 14 सदस्य खुद बैठक कर स्थायी कमिटी के गठन में कुछ बदलाव ला सकते हैं.