भागलपुर : बाढ़ ने नवगछियावासियों को बेघर कर दिया. एसपी, एसडीओ खुद बेघर हो गये हैं. जाहिर है कि पुलिस की पहरेदारी अब बाढ़ पीड़ितों की सुरक्षा में ही बीत रही है. ऐसे में विनाेद हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी का स्वर धीमा होना लाजिमी है. चर्चाओं पर यकीन करें तो यह बात सच भी है.
अपराधी हैं तो नवगछिया में ही, लेकिन उनकी रणनीति अब जरूर बदल गयी है. पहले तो विनोद हत्याकांड में नामजद सफेदपोश की रणनीति यह थी कि इस मामले में सरेंडर करें दें लेकिन बाढ़ के कारण कोर्ट में भी अवकाश हो गया. आरोपियों को भय है कि यदि अभी इधर-उधर हुए तो, पुलिस को जानकारी भी मिल सकती है.
ऐसे में रणनीति भी बदल गयी है. सूत्रों की मानें तो तीन सफेदपोश में दो सोमवार को नवगछिया छोड़ चुके. तीन दिन से दोनों इसलिए नवगछिया में जमे थे, कि सही मौका पाकर कोर्ट में सरेंडर कर दें, लेकिन बाढ़ को देखते हुए रणनीति बदल गयी है. अब बाढ़ के बाद ही सरेंडर करेंगे.
विनोद हत्याकांड
बाढ़ : एसपी, एसडीपीओ खुद बेघर, तो फिर कैसे हो पहरेदारी
पुलिस दबिश कमजोर होने के बाद थी आत्मसमर्पण की योजना, पर बाढ़ के कारण बदली योजना अब पानी निकलने के बाद कर सकते हैं आत्मसमर्पण
सफेदपोश की शह पर ही पहुंचा था छोटुआ
बाढ़ ने नवगछिया का व्यवसाय तो चौपट कर ही दिया, विनोद हत्याकांड में नामजद अपराधियों की रणनीति को बदलने के लिए मजबूर कर दिया है. विनोद की हत्या के पहले ही शूटरों को यह प्रलोभन दिया गया था कि विनोद के अवैध धंधे में उनकी भी हिस्सेदारी होगी. हत्या के बाद इस हत्याकांड का प्रमुख शूटर छोटुआ रेलवे ट्रैक पर देखा भी गया था. हालांकि छोटुआ उस समय मौके पर पहुंचा था, जब विनोद के एक खासमखास ने वहां जाकर मजदूर व ठेकेदार से बात की थी. विनोद के इस नजदीकी ने ठेकेदार व मजदूरों को इस बात की खास हिदायत दी कि पहले जैसा चल रहा था, अब भी वैसा ही रहेगा. इसके कुछ ही घंटे बाद विनोद हत्याकांड में नामजद छाेटुआ भी पहुंचा और धमकी दी कि अब उसकी चलेगी. सूत्रों की मानें तो सफेदपोश की शह पर ही छोटुआ पहुंचा था.