कटिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कटिहार के कुरसेला, बरारी व मनिहारी प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया. बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और राहत शिविरों का भी जायजा लिया. सीएम ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है. जब तक बाढ़ पीड़ित राहत शिविर में रहेंगे, तब तक उन्हें भोजन सहित हर तरह की सुविधा दी जायेगी. जो लोग शिविर में नहीं आये हैं, उन्हें घर तक सुविधा पहुंचायी जायेगी.
राहत कैंप का सीएम ने लिया जायजा
उन्होंने कहा राहत कैंप में काफी काम हैं. जैसे खाना बनाना, खाना खिलाना आदि के लिए अधिकारी वहां रह रही महिलाओं से पूछ लें. क्या वे यहां रहते हुए काम करेंगी. यदि काम करेंगी, तो उन्हीं से काम लें. उन्हें प्रतिदिन 200 रुपया मजदूरी भी दी जायेगी. इससे बाढ़ पीड़ितों को आमदनी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि राहत शिविर में आंगनबाड़ी सेविका, शिक्षक बच्चों को पढ़ाएं. उनकी हर तरह की मदद करें. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत के लिए पैसा, अनाज दोनों मिलेगा. इसके तहत छह हजार रुपया दिया जायेगा. जिनका घर बाढ़ से गिर गया है उन्हें घर बनाने के लिए राशि दी जायेगी.
फसल क्षति का मिलेगा मुआवजा
बाढ़ से फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है. फसल क्षति पूर्ति के लिए किसानों को मुआवजा दिया जायेगा. इस क्षेत्र में हम देख रहे हैं कि केला की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है. केला किसानों को क्षति का मुआवजा मिलेगा. किसी को घबड़ाने की जरूरत नहीं है. सीएम ने कहा कि हम यहां बाढ़ के समय दुख, दर्द बांटने आपके बीच आये हुए हैं. बाढ़ ग्रस्त सभी जिलों का दौरा एक-एक कर रहे हैं. हमलोग मिल कर बाढ़ का डट कर मुकाबला करेंगे. पहले कटिहार में महानंदा के बाढ़ से लोग परेशान हुए काफी क्षति हुई है. अब गंगा में उफान से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं.
गंगा में इस बार ज्यादा पानी-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 में जो बाढ़ आया था, उससे ज्यादा बाढ़ इस वर्ष आया है. गंगा नदी के किनारे जितने जिले है, सब जगह बाढ़ है. दियारा क्षेत्र पूरी तरह से डूब गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि बख्तियारपुर में गंगा किनारे मेरा बचपन बीता है. स्कूल में पढ़ने के दौरान सीढ़ी घाट पर स्नान करने जाते थे. पूरे जीवन में गंगा में इतना पानी न सुने थे, न देखे थे. इस वर्ष गंगा नदी ने पिछले सारे रिकार्ड को तोड़ दिया है. फरक्का बराज से तेजी से पानी नहीं निकलने के कारण पूरे बिहार में बाढ़ ने विकराल रूप लिया है. उन्होंने कहा कि 32 लाख क्यूसेक पानी का बहाव था. जबकि 27 लाख क्यूसेक पानी ही फरक्का बराज से निकलने का प्रावधान है.
राहत में लापरवाही हुई तो होगी कार्रवाई
नीतीश कुमार ने कहा कि सूबे के जिन-जिन जिलों में बाढ़ नहीं हैं उन जिलों के अधिकारियों को बाढ़ ग्रस्त जिलों में भेजा जायेगा. वे राहत कैंप में रहकर बेहतर व्यवस्था करेंगे. इतने कम पदाधिकारियों से काम नहीं चलने वाला है. बाढ़ पीड़ितों की संख्या काफी हैं. हरेक राहत शिविर में जिला स्तर के प्रभारी पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया जा रहा है. उन्हीं के कंधों पर राहत कैंप चलाने का दायित्व होगा. इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि आपदा आयी है. सरकार का खजाना पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. इसमें कोई समझौता या कमी नहीं होगी. राहत व्यवस्था के लिए किसी का बाट नहीं जोहते हैं. बाढ़ का मुकाबला सब लोग मिलकर कर करेंगे. सीएम ने कहा कि जो लोग राहत कैंप में रह रहे हैं, आपसी सहयोग से ऐसा कार्यक्रम चले जिससे उनका समय बेहतर ढंग से कटे.