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बाढ़ग्रस्त इलाकों में पशुओं में फैल रही संक्रामक बीमारी

छपरा (सारण) : बाढ़ के कारण पशुओं में फैलने वाली महामारी रोकने का कार्य अबतक शुरू नहीं हो सका है. पशुपालन विभाग की ओर से दो चलंत पशु चिकित्सालय उपलब्ध कराया गया है. इसके लिए इंधन तथा दवा क्रय करने के लिए राशि भी प्राप्त है. चालक भी तैनात कर दिये गये है. लेकिन बाढ़ […]

छपरा (सारण) : बाढ़ के कारण पशुओं में फैलने वाली महामारी रोकने का कार्य अबतक शुरू नहीं हो सका है. पशुपालन विभाग की ओर से दो चलंत पशु चिकित्सालय उपलब्ध कराया गया है. इसके लिए इंधन तथा दवा क्रय करने के लिए राशि भी प्राप्त है. चालक भी तैनात कर दिये गये है.

लेकिन बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में चलंत पशु चिकित्सालय नहीं भेजा जा रहा है. हालांकि विभाग का दावा है कि वैन को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में चलाया जा रहा है. बाढ़ के पानी ग्रामीण इलाकों में जमा होने से संक्रामक बीमारियों का प्रकोप फैल रहा है.

खुरहा, पकहा, डकहा समेत कई तरह की बीमारियों से सैकड़ों से पशु शिकार है. रिविलगंज, मांझी, गड़खा, दरियापुर, दिघवारा समेत कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में पशु चिकित्सा दल नहीं पहुंचा है. डीएम ने सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु चिकित्सकों को भेजने का निर्देश दिया है. जानकारी के अनुसार बाढ़ के पहले जिले में पशुओं का टीकाकरण नहीं कराया गया है. इस वजह से संक्रामक बीमारी फैल रही है.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में पशु चिकित्सकों के नहीं पहुंचने के कारण पशुपालकों को झोला छाप चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है. पशुपालकों को खुले बाजार से दवा खरीदने को विवश होना पड़ रहा है.
झोला छाप पशु चिकित्सकों के चंगुल में फंसे पशुपालकों का आर्थिक शोषण हो रहा है. साथ ही पशुपालकों को अपनी मवेशियों की सुरक्षा की चिंता सता रही है. संक्रामक बीमारी की रोक थाम का उपाय नहीं होने से अन्य पशु भी शिकार हो रहे है. संक्रामक बीमारी के शिकार दुधारू पशुओं ने दूध देना बंद कर दिया है. इस बीमारी के कारण मवेशियों की मौत होने की भी आशंका बढ़ गयी है.
हरे चारे से पशुओं में बढ़ सकती है बीमारी
जल जमाव वाले क्षेत्रों का हारा चारा मवेशियों को खिलाये जाने से बीमारी फैल रही है. पशु चिकित्सकों का कहना है कि हरा चारा के जल जमाव वाले क्षेत्र में रहने से संक्रमित हो गया है. बाढ़ के कारण पशुपालकों के पास चारा के रूप में खेल में लगा मक्का व मसुरिया है जिसमें बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इस वजह से सड़-गल रहा है और पशुपालक उसे ही पशुओं को खिला रहे है. इस वजह पशुओं में पेट संबंधी बीमारी फैल रही है.
गंदा पानी पीने से बीमार हो रहे पशु
बाढ़ का गंदा पानी जगह-जगह जमा है जिसे पीने से पशुओं में बीमारी फैल रही है. जल जमाव वाले क्षेत्रों में पशुओं के रहने से उनमें कई तरह की संक्रामक बीमारी फैल रही है. बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पशु चिकित्सक नहीं पहुंच रहे है.
बाढ़ पीड़ितों में वितरित हुआ चूड़ा-गुड़
सिटी मैनेजर ने बताया कि नगर के 18 वार्डों में पहले चरण में सीओ अजय शंकर द्वारा उपलब्ध 90 क्विंटल चूड़ा व गुड़ बांटा गया. वहीं दूसरे चरण में 90 क्विंटल चूड़ा प्राप्त हुआ है. जिसे जल्द ही बांटा जायेगा. 200 प्लास्टिक के तीरपाल का भी वितरण किया जायेगा.
दाह-संस्कार की भी जगह नहीं
गंगा के जल स्तर के काफी बढ़ जाने व संपर्क सड़कों पर पानी चढ़ जाने के कारण लोग शव का उचित जगह पर दाह संस्कार व सुपूर्दे खाक नहीं कर पा रहे हैं. शवों का अंतिम संस्कार निर्माणाधीन सड़क पर किया जा रहा है. वहीं 22 गांवा ईदगाह के बाद सबसे बड़े कब्रिस्तान में भी जलजमाव है.

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