मुंबई/ नयी दिल्ली : मुंबई में एक विशेष अदालत ने सीबीआई को आज शीना बोरा हत्याकांड में सितंबर में अगली सुनवाई की तारीख से आरोप तय करने पर दलीलें शुरु करने का निर्देश दिया, वहीं न्यायाधीश ने कहा कि वह सुनवाई तेज करेंगे.
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शीना बोरा मामले की सुनवाई में आयेगी तेजी
मुंबई/ नयी दिल्ली : मुंबई में एक विशेष अदालत ने सीबीआई को आज शीना बोरा हत्याकांड में सितंबर में अगली सुनवाई की तारीख से आरोप तय करने पर दलीलें शुरु करने का निर्देश दिया, वहीं न्यायाधीश ने कहा कि वह सुनवाई तेज करेंगे. विशेष सीबीआई अदालत का निर्देश ऐसे समय में आया है जब एजेंसी […]
विशेष सीबीआई अदालत का निर्देश ऐसे समय में आया है जब एजेंसी ने कहा कि मामले में राहुल और उसके पिता पीटर मुखर्जी और उसकी सौतेली मां इंद्राणी के बीच कथित फोन बातचीत के लीक हुए टेप मीडिया में सामने आने के बाद ‘समांतर मुकदमा’ नहीं चलना चाहिए. इन टेपों से हत्या को ढंकने की दंपति की कोशिश का पता चला.
अदालत ने मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी, उसके पति पीटर और उसके पूर्व पति संजीव खन्ना की न्यायिक हिरासत 13 सितंबर तक बढा दी, जब एजेंसी उनके मामले को उठा सकती है. विशेष सीबीआई न्यायाधीश एच एस महाजन ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष आरोप तय करने पर दलील दे सकता है बशर्ते बचाव पक्ष के हित सुरक्षित रहें. मैं सुनवाई तेज करंगा.” इससे पहले विशेष सरकारी अभियोजकों भारत बादामी और कविता पाटिल ने अदालत में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप तय करने के लिहाज से मामले को शुरु करने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सुनवाई शुरु करने को तैयार हैं.” अभियोजक ने कहा कि कल से मीडिया मामले में सीबीआई के दो गवाहों से कुछ कहलवानेे की कोशिश कर रही है लेकिन उन्होंने उनका नाम नहीं बताया. इस संदर्भ में उन्हें यह भी लगता है कि मामले में ‘समांतर सुनवाई’ नहीं होनी चाहिए और उनके गवाहों को संरक्षण मिलना जरुरी है.
इस पर न्यायाधीश महाजन ने कहा कि कोई उन्हें (खबरों को) गंभीरता से नहीं ले रहा. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि हत्याकांड पर कथित टेपों का कोई हिस्सा अदालत से लीक नहीं हुआ। सीबीआई ने भी अदालत से कहा कि उनकी ओर से भी कोई टेप लीक नहीं हुआ.
इंद्राणी के वकील ने कहा कि उन्हें सुनवाई शुरु करने में कोई आपत्ति नहीं है, वहीं पीटर के वकील ने अदालत से कहा कि सीबीआई को बयान देना होगा कि उनकी जांच पूरी हो गयी है और फिर वे आरोप तय करने पर दलीलें प्रारंभ करें. पीटर के वकील मिहिर घीवाला ने अदालत में कहा कि टेप मामले के महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं और इन्हें जिस तरह से समाचार चैनलों पर प्रसारित किया गया, उससे गवाह सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं.
बाद में घीवाला ने अदालत में एक आवेदन भी दाखिल किया कि उसे सीबीआई को निर्देश देना चाहिए कि एजेंसी द्वारा उसके आरोपपत्र में पेश किये गये महत्वपूर्ण साक्ष्य, दस्तावेज, गवाहों के बयानों और सामग्री का अदालत की अनुमति के बिना मीडिया में इस्तेमाल होने से रोकने के लिए वह जरुरी कदम उठाए. लीक हुए टेपों के संबंध में खबरों के हवाले से अदालत ने कहा कि अगर सीबीआई को लगता है कि कोई इरादतन यह कर रहा है तो वह उसके :मीडिया: खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.
सीबीआई ने साफ किया कि हत्याकांड से जुडे कुछ ऑडियो क्लिप का संज्ञान ले लिया गया है और ये मामले में एजेंसी के आरोपपत्रों का अभिन्न हिस्सा हैं. कुछ समाचार चैनलों में ऑडियो टेप चलाये जाने या इनका जिक्र होने पर प्रतिक्रिया देते हुए सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी इन क्लिप्स की पहले ही पूरी तरह जांच कर चुकी है.
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