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दिल्ली , मध्यप्रदेश समेत 8 राज्यों में जीएसटी पास, 15 राज्यों में स्वीकारिता की जरूरत

नयी दिल्ली / भोपाल: दिल्ली और मध्यप्रदेश विधानसभा से भी आज जीएसटी बिल पास हो गया. गुजरात, झारखंड समेत 8 राज्यों में अब इसे मंजूरी मिली है. मध्यप्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुडे 122वें संविधान संशोधन विधेयक का सर्वसम्मति के साथ अनुमोदन कर दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह […]

नयी दिल्ली / भोपाल: दिल्ली और मध्यप्रदेश विधानसभा से भी आज जीएसटी बिल पास हो गया. गुजरात, झारखंड समेत 8 राज्यों में अब इसे मंजूरी मिली है. मध्यप्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुडे 122वें संविधान संशोधन विधेयक का सर्वसम्मति के साथ अनुमोदन कर दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में अनुमोदन के लिये पेश वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित 122वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि एक देश एक कर व्यवस्था लागू करने के लिये यह विधेयक लाया गया है.

इससे देश में आर्थिक एकीकरण का काम पूरा हो रहा है. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने विधानसभा का विशेष सत्र अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने से पहले जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक के सर्वसम्मति अनुमोदन की घोषणा की. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में यह काम :जीएसटी: हो रहा है. वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में यह काम शुरु हुआ था। उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी इस दिशा में आगे काम हुआ.
मुख्यमंत्री ने जीएसटी पर समर्थन के लिये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रदेश विधानसभा के विपक्षी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कुछ आमसहमति के मुद्दे ऐसे होते हैं जिन पर दलगत राजनीति से उपर पक्ष विपक्ष सभी एक साथ होते हैं. इससे पूर्व प्रदेश के विधि एवं विधायी कार्यमंत्री रामपाल सिंह ने विधेयक को अनुसमर्थन के लिये सदन के पटल पर रखा। विधानसभा में कार्यकारी प्रतिपक्ष के नेता कांग्रेस के बाला बच्चन ने सिंहस्थ घोटाले और प्रदेश में बाढ की स्थिति पर सदन में चर्चा कराने की मांग की.
अध्यक्ष डॉ शर्मा ने उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा कि विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा और अनुमोदन के लिये बुलाया गया है. इसके बाद जीएसटी पर चर्चा में शामिल होते हुए कांग्रेस के बाला बच्चन, राम निवास रावत, मुकेश नायक, जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी सहित अन्य सदस्यों ने विभिन्न सुझावों को इसमें शामिल करने की बात कही. विपक्षी सदस्यों ने विशेषकर पेट्रोल-डीजल पर अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में अधिक करों के कारण इनके मंहगे होने का मुद्दा उठाया तथा इन पदार्थो को भी जीएसटी के दायरे में लाने का सुझाव दिया.
प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने स्पष्ट करते हुए कहा कि पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतें जीएसटी का विषय नहीं है और यह इसके दायरे से बाहर हैं. चौहान ने जीएसटी की विशेषताओं की चर्चा करते हुए दावा किया कि इसके लागू होने से कर पारदर्शिता बढेगी तथा इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि भाजपा ने इस मुद्दे पर कोई यू-टर्न नहीं लिया है बल्कि राज्यों को राजस्व हानि के प्रतिपूर्ति का प्रावधान 3 वर्ष से बढाकर 5 वर्ष किया है.
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से देश में निवेश बढेगा और इससे रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होगें। इससे देश में आर्थिक एकीकरण की पूर्ति भी होगी. मलैया ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि मध्यप्रदेश जीएसटी का अनुसमर्थन करने वाला देश का सातवां राज्य है. जीएसटी विधेयक को कम से कम 15 राज्यों की विधानसभा से मंजूरी मिलना जरुरी है जिसके बाद राष्ट्रपति जीएसटी काउंसिल को अधिसूचित करेंगे जो नई कर दर और अन्य मुद्दों पर निर्णय करेगी. सरकार ने जीएसटी लागू करने की समय सीमा अप्रैल 2017 तय की है.

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