नयी दिल्ली/कश्मीर : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर घाटी की दो दिवसीय यात्रा पर श्रीनगर पहुंच चुके हैं. अपने इस यात्रा के इस दौरान वह यहां की स्थिति की समीक्षा करेंगे और अधिकारियों और राजनेताओं से कश्मीर में उपजी हिंसा को लेकर चर्चा करेंगे. इसके साथ ही वह समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ बातचीत भी कर सकते हैं. उनका यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कश्मीर की स्थिति पर ‘गहरी चिंता और दुख’ व्यक्त करने के एक दिन बाद सामने आया है.
कश्मीर जाने के पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह कश्मीर में नागरिक समाज के समूहों, राजनीतिक दलों और अन्य पक्षकारों के साथ बातचीत करेंगे. जो लोग कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत में यकीन रखते हैं, उनका स्वागत है.राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने की अपील करते हुए घाटी में लोगों तक पहुंचने के लिए राजनाथ ने कहा कि जहां तक भारत सरकार की बात है, मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम लोग केवल जरूरत के आधार पर संबंध नहीं चाहते हैं, बल्कि कश्मीर के साथ एक भावनात्मक रिश्ता बनाना चाहते हैं. सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद उत्पन्न अशांति के कारण घाटी में एक महीने में सिंह की यह दूसरी यात्रा है.
कांग्रेस ने की वार्ता की वकालत
इस बीच, कांग्रेस ने राज्य में अशांति को दूर करने के लिए वार्ता की पहल करने की कड़ी वकालत की है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान का जिक्र करते हुए पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री को वार्ता की पहल करनी चाहिए. जब तक वे कदम नहीं उठायेंगे, तब तक जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार नहीं होगा. वहीं, पी चिदंबरम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल और प्रधानमंत्री मोदी के बीच सोमवार की वार्ता का स्वागत किया जाना चाहिए.
कश्मीर, बलूचिस्तान पर फैसला दोनों पक्ष करें
अमेरिका ने कहा है कि कश्मीर या बलूचिस्तान से जुड़े मुद्दों पर दोनों संबंधित पक्षों को फैसला करना चाहिए. अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि बलूचिस्तान या कश्मीर में बढ़े हुए तनाव की बात होती है, तो हमारी लंबे समय से नीति है कि दोनों पक्षों को मामले में फैसला करने दिया जाये. जब पूछा गया कि पाकिस्तान में भारत पर निशाना साधने के लिए पनप रहे आतंकवाद को लेकर अमेरिका चिंता व्यक्त क्यों नहीं करता, तो वर्मा ने कहा कि वह इस धारणा से इत्तेफाक नहीं रखते.
घाटी में 11 वर्ष बाद बीएसएफ तैनात
घाटी में 11 साल बाद बीएसएफ जवानों की तैनाती की गयी है. केंद्र की ओर से 2600 जवान सुलगते कश्मीर को शांत करने पहुंचे हैं. इसके अतिरिक्त 30 अतिरिक्त कंपनियों को भी अगले कुछ दिन में राज्य में भेजे जाने की संभावना है. इससे पहले 90 के दशक में घाटी में आतंकवाद रोधी अभियान के तहत बीएसएफ को तैनात किया गया था.
मीरवाइज ने धार्मिक नेताओं को लिखा पत्र
श्रीनगर: हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने मंगलवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने स्तर पर कश्मीर मुद्दे का हल नहीं खोज पायेंगे. इस बाबत उन्होंने पोप फ्रांसिस, दलाई लामा, मक्का में इमाम काबा और शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती समेत दुनियाभर के कई धार्मिक नेताओं को पत्र लिख कर उनके हस्तक्षेप की मांग की है. इधर, शोपियां जिले में रोड़ेबाजों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में 17 लोग घायल हो गये. वहीं, कश्मीर के कुछ इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है. हालांकि, 46 दिन भी कई स्थानों पर बैन जारी है. उधर, अलगाववादियों ने बंद को 25 तक बढ़ाया है.