मोतिहारी : सेंट्रल जेल में 30 वर्षीय विचाराधीन बंदी राजदेव दास उर्फ खेदू दास की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी. वह मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जमला गांव का रहनेवाला था. अपने ग्रामीण भोला दास की हत्या के आरोप में दो अगस्त को कोर्ट में सरेंडर किया था. इधर, घटना से आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने सदर अस्पताल पहंुच हंगामा किया. इसके बाद जमला रोड में चंडी स्थान के पास एनएच-28 को जाम कर दिया.
परिजन जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगा रहे थे. करीब चार घंटे तक एनएच को जाम रखा गया. घटना की सूचना पर सदर डीएसपी पंकज कुमार रावत, नगर इंस्पेक्टर अजय कुमार, मुफस्सिल इंस्पेक्टर सतीशचंद्र माधव, प्रभारी थानाध्यक्ष मनोज कुमार व अन्य पुलिस अधिकारियों ने पहंुच समझा-बुझा कर जाम समाप्त कराया.
इधर, जेल अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि बंदी राजदेव दास की सोमवार की आधी रात को अचानक तबीयत खराब हो गयी. उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया, जहां बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. हालांकि, परिजन जेल प्रशासन की बातों से सहमत नहीं हैं. मृतका की भाभी मराछो देवी ने आरोप लगाया है
सेंट्रल जेल में
कि जेल प्रशासन उनके दुश्मनों से मिलकर राजदेव दास को पीट-पीट कर मारा डाला है. उसके शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान थे. मंुह व नाक से खून भी निकला था. पेट पर दाहिने तरफ काले धब्बे का निशान स्पष्ट दिख रहा था. जेल कर्मी शव को सदर अस्पताल के बरामदे पर रखकर चले गये थे. शहर में मजदूरी करने आये कुछ लोगों ने फोन पर घटना की सूचना दी. बताया कि राजदेव का शव सदर अस्पताल के बरामदे पर रखा है. इसके बाद परिजन व ग्रामीण सदर अस्पताल पहंुचे. डीएसपी सदर पंकज कुमार रावत ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा.
सदर अस्पताल में सुबह से शाम
तक रही गहमा-गहमी
जमला रोड एनएच-28 को ग्रामीणों ने चार घंटे किया जाम
जेल प्रशासन ने कहा, तबीयत खराब होने से हुई है मौत
अस्पताल ले जाते समय बीच रास्ते में बंदी ने तोड़ा दम