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बिहार में बाढ़ का कहर : सेना अलर्ट पर, CM नीतीश ने संभाली कमान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 13 जिलों के अधिकारियों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पटना : पटना शहर पर बाढ़ का खतरा बरकरार है. रविवार को बाणसागर बांध से काफी मात्रा में छोड़े गये पानी की वजह से सोमवार की सुबह गंगा का जल स्तर काफी बढ़ने की आशंका है. इससे गंगा घाटों के आस पास […]

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 13 जिलों के अधिकारियों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
पटना : पटना शहर पर बाढ़ का खतरा बरकरार है. रविवार को बाणसागर बांध से काफी मात्रा में छोड़े गये पानी की वजह से सोमवार की सुबह गंगा का जल स्तर काफी बढ़ने की आशंका है. इससे गंगा घाटों के आस पास इलाकों में पानी पहुंच सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खास कर दियारा क्षेत्र के लोगों को राहत शिविरों में पहुंचने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सेना को अलर्ट पर रखा गया है. एयरलिफ्ट की आवश्यकता पड़ी तो उसकी भी तैयारी पूरी है. सीएम ने यह भी कहा कि शहर सुरक्षित है. एहतियातन चौकसी बरती जा रही है
रविवार को पटना शहर के सुबह व शाम को लिये गये जलस्तर के आंकड़े में भी 15 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गयी. इसके चलते राजापुर पुल, बांसघाट व एनआइटी सहित कई घाटों पर जलस्तर में कमी हुई, लेकिन पटना सिटी व दीदारगंज के आस पास जलस्तर बढ़ने से पानी एनएच पर चढ़ गया. पटना सिटी गुरुद्वारे से सटे कंगन घाट पर चार फुट तक जबकि पटना-दीदारगंज एनएच पर तीन फुट तक पानी चढ़ गया . जल्ला क्षेत्र में भी पानी फैल गया है. पाटलिपुत्र से बांसघाट तक पूरी चौकसी बरती जा रही है.
बांसघाट व राजापुर से उतरा पानी
बांस घाट व राजापुर गेट नंबर एक के पास शनिवार की रात पानी सड़क के काफी करीब पहुंच गया था, लेकिन सुबह होते ही दोनों जगहों से पानी पीछे चला गया. लेकिन गंगा सुरक्षा बांध के अंदर बने कई घरों में पानी घुस गया है.
संत माइकल स्कूल के कंपाउंड में पानी रिस कर आ गया. गंगा अपार्टमेंट का निचला तल्ला अब भी गंगा के पानी में डूबा हुआ है, जबकि कुरजी अस्पताल से पहले ब्रजकिशोर स्मारक प्रतिष्ठान के पास मैनहोल से पानी रिवर्स होने के चलते सड़क पर पानी आ गया है. इस पानी को निकाल कर वापस गंगा नदी में डालने के लिए पंपसेट लगाया गया है. गांधी मैदान-दानापुर रूट पर ट्रैफिक भी डायवर्ट किया गया है.
पानी अब भी डेंजर जोन से काफी ऊपर
गंगा का पानी अब भी डेंजर जोन से काफी ऊपर चल रहा है. जिला प्रशासन से मिले आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक रविवार की सुबह पांच बजे गांधी घाट 50.53 मीटर, दीघा घाट पर 52.12 मीटर जलस्तर था जो कि रात नौ बजे घट कर क्रमश: 50.36 मीटर और 51.90 मीटर रह गया. गांधी घाट पर नदी का जलस्तर डेंजर जोन से 1.76 मीटर जबकि दीघा घाट पर 1.45 मीटर अधिक चल रहा है. सोमवार को इसमें बढ़ोतरी की संभावना है. बिंद टोली में भी जलस्तर डेंजर जोन से 81 सेमी अधिक है.
पटना में गंगा व सोन का जल स्तर और बढ़ा
पटना.गंगा, सोन और पुनपुन का कहर रविवार को भी पटना में चरम पर रहा. पटना में गंगा का जल स्तर डेंजर लेवल से 167 से 192 सेंटीमीटर, सोन 62 से 170 और पुनपुन 186 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. गंगा, सोन और पुनपुन के जल स्तर में आये उफान से पटना, मोकामा, मनेर और कोईलवर के दियारे क्षेत्र और निचले इलाकों में रह रहे लोग रातों-रात बेघर हो गये हैं. बेघर हुए लोग आसपास की ऊंची जगहों पर शरण ले रहे हैं. बाढ़ नियंत्रण में लगी जल संसाधन विभाग की टीम ने सभी क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है.
नेपाल और बिहार में बारिश नहीं होने के बावजूद भी नदियों के जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. घाघरा ने अब तक छपरा में कोई कोहराम नहीं मचाया था, किंतु वहां भी वह डेंजर लेवल से 15 सेंटीमीटर बह रही है. जल संसाधन विभाग ने अगले 24 घंटों में पटना, बक्सर और भागलपुर में गंगा के जल स्तर में 19 से 44 सेंटीमीटर और वृद्धि होने की संभावना जतायी है.
इसी तरह खगड़िया में बूढ़ी गंडक का भी उफान नहीं थम रहा. वहां बूढ़ी गंडक डेंजर लेवल से 127 सेंटीमीटर बह रही है. इसके जल स्तर में 30 सेंटीमीटर और वृद्धि होने की संभावना है. खगड़िया और कटिहार में भी अगले 24 घंटों में कोसी के जल स्तर में 20 सेंटीमीटर और वृद्धि होने की संभावना है.
केंद्रीय बाढ़ आयोग ने अगले 24 घंटों में कोईलवर और मनेर में सोन के जल स्तर में 38 से 149 सेंटीमीटर कमी आने की संभावना जतायी है. इसी तरह पटना में पुनपुन में भी 22 सेंटीमीटर कमी आने का संकेत बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने दिया है. वैशाली में गंडक अगले 24 घंटों में डेंजर लेवल से नीचे आ जायेगी.
पटना शहर पर बाढ़ का खतरा बरकरार
– पटना में गंगा का जल स्तर डेंजर लेवल से 167 से 192 सेंटीमीटर, सोन 62 से 170 और पुनपुन 186 सेंटीमीटर ऊपर
– छपरा में शांत पड़ी घाघरा पहली बार खतरे के निशान से बह रही 15 सेंटीमीटर ऊपर
– अगले 24 घंटे में पटना, बक्सर और भागलपुर में गंगा के जल स्तर में 19 से 44 सेंटीमीटर होगी और वृद्धि
– अगले 24 घंटे में सोन, पुनपुन और गंडक का घटेगा जल स्तर, कोईलवर, मनेर और वैशाली को थोड़ी राहत
– प्रशासन की तैयारी
– तटबंधों की पूरी चौकसी की जा रही है
– दूसरे जिलोें से अतिरक्त अफसर और कर्मचारियों की पटना में तैनाती
– पीड़ितों के लिए भोजन और वस्त्र का इंतजाम
– बाढ़ में फंसे लोगों की एयर लिफ्ट की तैयारी
– एसडीआरएफ को जगह-जगह तैनात किया गया
– निजी नाव को किराये पर लेने का आदेश
– दो दिनों के लिए दीघा रोड के छह स्कूल बंद
जिला प्रशासन ने दीघा-दानापुर रोड में पानी निकासी कार्यों के चलते हो रही ट्रैफिक परेशानी को देखते हुए इस रोड के पांच स्कूलों को दो दिन बंद रखने का आदेश दिया है. डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि संत माइकल, नोट्रेडम, डॉन बास्को, बीडी पब्लिक स्कूल व लोयला स्कूल 22-23 तारीख को बंद रहेंगे. वहीं, संत कैरेंस ने स्वयं स्कूल बंद रखने की घोषणा की है.
सीएम बोले: अभी बढ़ सकता है जल स्तर, पटना सुरक्षित
पटना : राजधानी पर बढ़ते बाढ़ के खतरे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पटना पूरी तरह सुरक्षित है. सोमवार की सुबह तक पानी और चढ़ने की आशंका के मद्देनजर सरकार ने वायु सेना को अलर्ट पर रखा है. तटबंधों की पूरी चौकसी की जा रही है. दूसरे जिलोें से अतिरक्त अफसर और कर्मचारियों की पटना में तैनाती की जा रही है. बाढ़ बचाव और राहत कार्यों की कमान संभालते हुए मुख्यमंत्री ने रविवार को दोपहर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की.
इसमें 13 जिलों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और प्रमंडलीय आयुक्त भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि वाणसागर से पानी छोड़ने की वजह से रविवार की देर रात या सोमवार की सुबह तक गंगा के जल स्तर में वृद्धि होगी. सीएम ने कहा कि पटना में गंगा का पानी ड्रेनेज से आ रहा था, उसे बंद करने का निर्देश दिया गया है. पूरी चौकसी बरती जा रही है. गंगा में पानी का स्तर बढ़ेगा तो परेशानी होगी.
जो लोग बांध के भीतर पानी वाले एरिया में घर बना लिये हैं उन्हें तो परेशानी होगी ही. कुछ लोगों ने बांध के भीतर बहुमंजिली इमारत बना ली है और फोटो खिंचवा रहे हैं. सीएम ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सभी कदम उठाये जा रहे हैं. गंगा नदी में पानी बढ़ने और तेज बहाव के कारण कई जिलों के दियारा में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है. दियारे के लोगों से अपील की गयी है कि वे शिविर में जगह लें. पहले तो वे लोग गांव से निकलने के लिए तैयार नहीं थे, पर जब पानी का स्तर बढ़ने लगा है तब वे लोग बाहर आने के लिए तैयार हुए हैं. लोगों को बाहर निकालने के लिए बालू ढोने वाला बड़े नाव का उपयोग किया जायेगा. पशुओं को भी बाहर निकालने का इंतजाम किया गया है.
भयभीत न हों, मिलकर करें सामना
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से भयभीत होने की जरूरत नहीं है. मिलजुल कर इसका सामना करें. गंगा मे जैसी बाढ़ है, वह पहले से मालूम है कि पानी बढ़ेगा. राहत और बचाव के लिए दूसरे जिलों से डिप्टी कलक्टर और कर्मचारी को तैनात किया जा रहा है. किसी चीज की कमी नहीं होने दी जायेगी. जल स्तर घटने के दौरान कटाव का खतरा उत्पन्न होगा. जल संसाधन विभाग के अधिकारी को सतर्क कर दिया गया है. सभी तटबंधों की सुरक्षा के लिए निर्देश दे दिया गया है.
पत्तल नहीं थाल और छिपली में मिलेगा भोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को शिविर में पत्तल पर भोजन देने से मना किया गया है. अधिकारियों से कहा गया है कि पीड़ितों को भोजन के लिए थाल और छिपली का इंतजाम किया जाये. सबसे पहले उन्हें भोजन और वस्त्र का इंतजाम किया जायेगा. वस्त्र पर होने वाले खर्च मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से किया जायेगा. शेष अन्य खर्च आपदा प्रबंधन विभाग के मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकार के खजाना पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का होता है. इसलिए उनकी सहायता में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी.
दूसरे राज्यों की पानी से गंगा में बाढ़
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा में पानी का स्तर सोन नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण बढ़ा है. इसके पहले नेपाल में वर्षा के कारण कोसी प्रमंडल के जिलों में बाढ़ का सामना करना पड़ा है. उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और झारखंड में वर्षा के कारण सोन के पानी में उफान आया है. कोसी, घाघरा और गंडक नदी नियंत्रण में है.
वायु सेना को अलर्ट पर रखा गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के खतरे से निबटने के लिए वायु सेना को अलर्ट पर रखा गया है. आवश्यकता पड़ने पर जहां जरूरत होगी इसका इस्तेमाल किया जायेगा. बाढ़ में फंसे लोगों की एयर लिफ्ट की जायेगी. 2007 में भी ऐसी नाैबत आयी थी. एसडीआरएफ को जगह-जगह तैनात किया गया है. एनडीआरएफ की मांग की गयी है. निजी नाव को किराया पर लेने का निर्देश दिया गया है. ससमय किराये के भुगतान का भी निर्देश दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त जिलों का किया हवाई सर्वेक्षण
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को बाढ़ का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया. मुख्यमंत्री ने पटना, आरा, छपरा, वैशाली, बेगूसराय और खगड़िया जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने मुख्य सचिव को बाढ़ राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि जहां-जहां सड़क संंपर्क टूट गया है उसे पूर्व की स्थिति में लाने की त्वरित कार्रवाई की जाये. हवाई सर्वेक्षण में मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी थे.
केंद्र फरक्का बराज को हटाये, अन्यथा खतरा बना रहेगा
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गंगा में बाढ़ का कारण फरक्का बराज है. वे इस मामले को पिछले दस साल से उठा रहे हैं. बराज के कारण गंगा में सिल्ट जमा हो गया है. इससे गंगा की गहराई कम हाे गयी है. केंद्र सरकार इसकी जांच करा ले कि पहले गंगा की गहराई क्या थी और अब क्या है? उन्होंने कहा कि भारत सरकार के लोग आकर खुद देख लें कि गंगा की गहराई पहले कितनी थी और अब कितनी है?
इस समस्या को मैंने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह व नरेंद्र माेदी के सामने भी उठाया था. यदि फरक्का बराज रहा तो सिल्ट की समस्या और बढ़ेगी इससे गंगा का बुरा हाल होगा. सीएम ने केंद्र सरकार से मांग की कि बराज को हटाया जाये या बराज के कारण बने सिल्ट काे नीति बनाकर प्रबंधन किया जाये. अन्यथा गंगा की गहराई घटती जायेगी और बाढ़ का खतरा बढ़ता जायेगा. बिहार को बाढ़ मामले में सहानुभूति के शब्द नहीं चाहिए. इससे काम नहीं चलेगा. नीति बनाकर काम होना चाहिए. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले में हमें आर्थिक सहयोग नहीं चाहिए बल्कि केंद्र सरकार फरक्का बराज पर नये सिरे से विचार करे. हमने तो जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों को गंगा में घुमा कर हकीकत की जानकारी दी थी.
उन्होंने कहा कि बिहार में वर्षा हो कहां रही है. हमें ताे किसानों को फसल बचाने के लिए डीजल सब्सिडी देनी पड़ रहा है. बिहार में वर्षा से नहीं, दूसरे राज्यों की पानी से बाढ़ आ रहा है.
वाण सागर से पानी छोड़ने की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि स्वाभाविक है कि तेज वर्षा होगी तो पानी का डिस्चार्ज होगा ही, लेकिन हमें समझौता के अनुसार पानी नहीं मिलता है. बिहार को समझौता के अनुसार वाण सागर से पानी मिलना चाहिए. मुख्य सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के मौके पर जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन ऊर्फ ललन सिंह, आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो चंद्रशेखर, मुख्य सिचव अंजनी कुमार सिंह, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी पीके ठाकुर, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी, एडीजी सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार आदि मौजूद थे.

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