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सरकार को भेजा गया है प्रस्ताव

सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर बार-बार सवाल खड़े हो रहे हैं. हाल ही में एक छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना ने पूरे विश्वविद्यालय प्रबंधन को हिला कर रख दिया है. आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद भी विद्यार्थी मानने को तैयार नहीं है. वह सभी सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने […]

सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर बार-बार सवाल खड़े हो रहे हैं. हाल ही में एक छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना ने पूरे विश्वविद्यालय प्रबंधन को हिला कर रख दिया है. आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद भी विद्यार्थी मानने को तैयार नहीं है. वह सभी सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इसबीच विश्वविद्यालय परिसर में नया थाना या पुलिस चौकी बनाने की मांग भी उभर कर सामने आ रही है. देखा जाये तो माटिगाड़ा, शिवमंदिर का पूरा इलाका माटिगाड़ा थाना के अंतर्गत आता है.
इतने बड़े इलाके पर निगरानी रखना इस थाने के लिए संभव नहीं हो पा रहा है. ऐसे विश्वविद्यालय परिसर के आस-पास थाना या पुलिस चौकी बनाने का अभी कोइ प्रस्ताव नहीं है,लेकिन इस परेशानी की जानकारी राज्य सरकार को दे दी गयी है. यह भी राज्य सरकार को बता दिया है कि माटिगाड़ा थाने का विभाजन कर एक नया थाना बनाने की आवश्यकता है.

उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था ताख पर है. विद्यार्थियों का आरोप है कि जिसका जब मन चाहे, वह परिसर में प्रवेश कर जाता है. विश्वविद्यालय परिसर लवर्स प्वाइंट बन कर रह गया है. विश्विद्यालय के तीन मुख्य द्वार है. इसके अलावे भी एक- दो छोटे दरवाजे है. सुरक्षा कर्मी नियुक्त तो हैं, लेकिन उनका दर्शन नहीं होता है. विश्वविद्यालय में प्रवेश के अधिकांश द्वार 24 घंटे खुले रहते हैं. सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद नहीं रहते. सभी द्वार पर प्रवेश और निकासी के समय नाम के साथ विस्तृत जानकारी के लिये रजिस्टर रखा गया है लेकिन उसका उपयोग काफी कम होता है. इस रजिस्टर का उपयोग पदाधिकारियों व कुछ लोगों के लिये ही किया जाता है. इसके अतिरिक्त माटिगाड़ा थाना क्षेत्र में अपराधिक मामलों की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उससे भी एक नया थाना या पुलिस चौकी बनाने की मांग ने जोर पकड़ना शुरू किया है. उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय में छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटना ने इस मांग को भड़काने में घी का काम किया है. विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और अध्यापक परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं.

प्रशासन सूत्रों की मानें तो माटिगाड़ा थाना क्षेत्र में दिन प्रतिदिन अपराधिक मामले बढ़ रहे है. छेड़छाड़, हत्या, लूटपाट और अन्य तरह के अपराधिक मामलों में पहले की अपेक्षा काफी वृद्धि हुयी है. एक अकेला थाने द्वारा इतने बड़े इलाके पर निगरानी रखना संभव नहीं है. इस इलाके में एक और थाना या पुलिस चौकी बनाने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर चरचा हुयी थी,लेकिन कोई परिणाम देखने को नहीं मिला. वर्तमान में उत्तर बंगाल विश्विद्यालय के साथ शिवमंदिर, रंगिया, ताराबाड़ी आदि इलाको में कोई घटना या अपराधिक मामले होने पर इसकी जांच की जिम्मेदारी माटिगाड़ा थाने पर आती है. दायरा बड़ा होने की वजह से दूर के इलाको में पुलिस को पहुंचने में आधे घंटे से भी अधिक की देरी होती है.जबतक पुलिस पहुंचती है,तबतक अपराधी घटना को अंजाम देकर चलते बनते हैं.माटिगाड़ा थाना से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर बंगाल विश्विद्यालय परिसर या आस-पास एक पुलिस चौकी बनाने की बात विभाग में चल रही है. इसके लिये विश्वविद्यालय प्रबंधन से काफी पहले जमीन मांगी गयी थी. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पुलिस चौकी के लिये जमीन नहीं दी है. फलस्वरूप सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट विश्वविद्यालय परिसर से आस-पास जमीन तलाश रही है.
विश्वविद्यालय ने नहीं दी जमीन
इस संबध में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी(हेडक्वाटर) इंद्र चक्रवर्ती ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर या आस-पास एक थाना या पुलिस चौकी बनाने की बात विभाग को दी गयी है. निर्णय विभागीय अधिकारियों को लेना है. वैसे एक थाना या पुलिस चौकी बनने से उस इलाके की सुरक्षा व्यवस्था सुधरेगी,यह तय है.

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