जनकपुर धाम के पास निर्मित मुक्ति धाम बाढ़ की चपेट में
बाढ़ के पानी में डूबा मुक्ति धाम.
अरवल/जहानाबाद : सोन नदी के जल स्तर में हो रही लगातार वृद्धि से सोन तटीय इलाके के निचली भाग में बसे कई गांवों और कस्बों में बाढ़ का पानी घुस गया है. दर्जनों लोग बेघर हो गये हैं. सोन नदी में आयी बाढ़ के कारण कई लोगों ने दूसरी जगह ठिकाना बना लिया है. सोन तटीय इलाकों में बसनेवाले लोगों को जान-माल की सुरक्षा की चिंता सता रही है. जिस गति से पानी बढ़ रहा है, ऐसे में सैकड़ों गांव बाढ़ से तबाह हो जायेंगे. सोन तटीय इलाके शाही मुहल्ला, जनकपुर धाम, मल्हीपट्टी, बैदराबाद, पीपरा बंगला, हसनपुर, सोहसा, बेलवा, कमता मठिया सहित कई ऐसे गांव हैं,
जहां बाढ़ का पानी घुस गया है. सोन मछुआरों का कहना है कि पानी के पूर्वानुमान से यह प्रतित होता है कि अभी नदी के जल स्तर में वृद्धि होगी. इसको लेकर इन इलाकों और कस्बों में रहनेवाले लोग सहमे हुए हैं. शहर के पास से निर्मित अरवल-सहार सोन पुल के लगभग सभी पाये पानी में डूब चुके हैं. पानी पुल से लगभग छह मीटर ही नीचे से गुजर रहा है. जनकपुर धाम के पास नदी में निर्मित मुक्ति धाम पूरी तरह बाढ़ के पानी में समा चुका है.
पुनपुन नदी खतरे के निशान से 141 सेंमी ऊपर : किंजर. पुनपुन नदी का पानी खेतों तक पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग किंजर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार किंजर में पुनपुन नदी खतरे के निशान से 141 सेंमी ऊपर बह रही है. नदी का पानी खेतों तक फैल गया है, जिससे बरसाती सब्जी एवं धान की फसल को नुकसान होने की उम्मीद है. बाढ़ के पानी से मंगराहाट से पूर्व के इलाके में धान की फसल डूब गयी है.