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गांधी मैदान जाइए या डाकबंगला, सात रुपये ही देने होंगे, बैठना हो तो बैठिए
मनमानी. आरटीए के बनाये नियमों की ऑटोचालक उड़ा रहे हैं धज्जियां ऑटो वालों की मनमानी से यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. वे मनमर्जी किराया वसूल रहे हैं. कोई यात्री अगर विरोध करता है तो उन्हें साफ कहा जाता है कि बैठना है तो बैठिए, वरना जाइए. कमोबेश हर रूट की यही स्थिति है. पटना […]
मनमानी. आरटीए के बनाये नियमों की ऑटोचालक उड़ा रहे हैं धज्जियां
ऑटो वालों की मनमानी से यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. वे मनमर्जी किराया वसूल रहे हैं. कोई यात्री अगर विरोध करता है तो उन्हें साफ कहा जाता है कि बैठना है तो बैठिए, वरना जाइए. कमोबेश हर रूट की यही स्थिति है.
पटना : भैया… डाकबंगला चलेंगे? नहीं, मैडम. क्यों? यह ऑटो तो गांधी मैदान तक जायेगी न? हां, लेकिन हम डाकबंगला के लिए नहीं बैठाते हैं. प्लीज जल्दबाजी है. ठीक है बैठ जाइए लेकिन पैसे गांधी मैदान तक के लगेंगे.
यह नजारा सिर्फ पटना जंकशन से गांधी मैदान के बीच चलने वाले ऑटो का नहीं, बल्कि शहर के तमाम रूट का है. ऑटो किराया पर प्रशासनिक नियंत्रण के अभाव में हर दिन इसी तरह यात्री ठगे जा रहे हैं. आधे किलोमीटर के सफरके लिए भी यात्रियों को तीन से चार किमी का किराया ही देना पड़ रहा है. शहर के ऑटो वाले मनमानी पर उतर आये हैं.
वे रूट के बीच में उतरने वाले यात्रियों को बिठाने से मना कर रहे हैं. अगर बैठा भी रहे हैं तो उनसे अधिकतम किराया वसूल रहे हैं. पूरा किराया देने की शर्त पर ही उन्हें सफर करने दिया जा रहा है. इस मनमानी को वे संगठन बनाकर चला रहे हैं. ऐसे में यात्री उन्हें अधिकतम किराया देने को मजबूर हैं. इसी तरह की परेशानी यात्री रोज झेल रहे हैं.
मनमानी का रूट नंबर 1
स्टेशन से गांधी मैदान : इस रूट में सबसे ज्यादा परेशानी देखने को मिल रही है. यात्री से डाक बंगला या फिर आकाशवाणी के पास भी उतरने पर अधिकतम किराया सात रुपये वसूला जा रहा है. ऑटो चालक यात्री को डाकबंगला तक बिठाने से मना कर रहे हैं. मजबूरन उन्हें पैदल डाकबंगला तक जाना पड़ता है.
मनमानी का रूट नंबर 2
अनिसाबाद से बस स्टैंड : ऑटो चालक यहां भी इस तरह की मनमानी चला रहे हैं. अनिसाबाद मोड़ से बेउर मोड़ जाने वाले यात्रियों से पांच रुपये तक किराया वसूल रहे हैं. वहीं बेऊर मोड़ से आगे बढ़ते ही अधिकतम किराया वसूला जा रहा है.
मनमानी का रूट नंबर 3
अनिसाबाद से जीपीओ : इस रूट का किराया दस रुपये है. गर्दनीबाग या फिर विधानसभा उतरने पर अधिकतर चालक पूरे दस रुपये वसूल रहे हैं. वहीं इस रूट में चितकोहरा उतरने वाले यात्री को बैठने देने से मना किया जा रहा है.
मनमानी का रूट नंबर 4
स्टेशन से नाला रोड : इस रूट में ऑटो वाले प्रीपेड सिस्टम लागू किये हुए हैं. वे यात्रियों से यात्रा पूर्व ही अधिकतम किराया दस रुपये वसूल लेते हैं. अब यात्री बुद्ध मूर्ति उतरे या फिर कदमकुआं, उनसे अधिकतम किराया देना पड़ रहा है. नाला रोड से स्टेशन की ओर आनेवाले यात्रियों को यात्रा पूर्व किराया देना पड़ता है.
मनमानी का रूट नंबर 5
स्टेशन से बेली रोड : इस रूट में इनकम टैक्स उतरने वाले यात्रियों को नहीं बिठाया जा रहा है. राजा बाजार या फिर सगुना मोड़ तक जानेवाले यात्री को ही प्राथमिकता दी जाती है. सीट खाली रहने पर इनकम टैक्स या फिर हाइकोर्ट चौराहा तक बैठा भी लिया जाये तो उनसे दस रुपये वसूल लिये जाते हैं.
मनमानी की रूट नंबर 6
जीपीओ से बोरिंग रोड : इस रूट का अधिकतम किराया 12 रुपये है. ऑटो वाले जीपीओ से पटना वीमेंस कॉलेज उतरने वाली छात्राओं से 10 रुपये वसूल लेते हैं. यहां इनकम टैक्स पर उतरने वाले यात्रियों को बैठाया ही नहीं जाता है
संघ ने माना, गलत कर रहे ऑटोचालक
ऑटोचालक यात्रियों से जबरन किराया वसूल रहे हैं. यह नाजायज है. अधिकतर ऑटो वाले हमारी बात नहीं मानते हैं. कुछ ऑटो वाले गुट बनाकर मनमानी चला रहे हैं. प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें.
बिजली प्रसाद, महासचिव, पटना जिला ऑटो रिक्शा चालक संघ
अनुशासनहीन हो गये हैं
ऑटो चालक अनुशासनहीन हो गये हैं. वह अपनी मरजी चला रहे हैं, जो गलत है. अधिकतम किराया वसूलना एक जुर्म की तरह है. संघ के कुछ सदस्य दिशा-निर्देशों को मानने से इंकार कर रहे हैं.
नवीन मिश्रा, महासचिव, पटना जिला महिला-पुरुष ऑटो रिक्शा चालक संघ
ऐसे मनमाना किराया वसूलना जुर्म है
मनमानी करने वाले ऑटो चालकों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. यात्रियों से निर्धारित किराया से अधिक वसूलना जुर्म है. उन्हें बिठाने से इंकार करना भी गलत है. इस तरह के मामले को संजीदगी से लिया जायेगा.
ईश्वर चंद्र सिन्हा, सचिव, आरटीए
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