लखनऊ : मुलायम परिवार में बढ़ते चाचा-भतीजे की लड़ाई के बीच आज शिवपाल यादव ने सीएम आवास जाकर अखिलेश यादव से भेंट की. सूत्रों से प्राप्त जानकारी को अनुसार इस मुलाकात में उन तमाम मुद्दों पर चर्चा की गयी, जिसपर अखिलेश और शिवपाल के बीच विवाद है. मसलन जमीन पर अवैध कब्जे का मामला और कौमी एकता दल का सपा में विलय. कहा जा रहा है कि चाचा-भतीजे के बीच बढ़ते विवाद से प्रदेश में सार्वजनिक तौर पर गलत संदेश जा रहा है, जिसे खत्म करने के लिए आज शिवपाल ने अखिलेश से मुलाकात की. खबर यह भी है कि कल शनिवार को दोनों नेता लोगों को सकारात्मक संदेश देने के लिए एक साथ सार्वजनिक मंच पर नजर आयेंगे.
शिवपाल-अखिलेश के विवाद का चुनाव पर पड़ेगा असर
कहना ना होगा कि जब भी किसी राजनीतिक परिवार में कलह उत्पन्न होता है उसका असर चुनाव में दिखता है. वह भी तब जबकि पार्टी सत्तासीन हो. ऐसे में राजनीतिक हलकों में यह चर्चा शुरू हो गयी है कि अगर दोनों के बीच तनातनी यूं ही चलती रही, तो यह उनके लिए अपना कब्र खोदने के समान होगा. हालांकि मुलायम सिंह ने परिस्थिति को समझते हुए डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है, बावजूद इसके कैबिनेट की बैठक में शिवपाल का ना जाना और कौमी एकता दल के सपा में विलय को अखिलेश का सिरे से खारिज करना कई संकेत देता है.
शिवपाल कई बार कर चुके हैं इस्तीफे की पेशकश
पिछले दिनों मैनपुरी में शिवपाल ने यह बयान दिया था कि प्रदेश में उनकी कोई सुनता नहीं है, मंत्री सुविधाभोगी हो गये हैं और कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है. इसके बाद मुलायम ने 15 अगस्त को सपा की बैठक में शिवपाल का समर्थन किया. अखिलेश और शिवपाल का विवाद कौमी एकता दल के विलय को लेकर भी गहराया है. शिवपाल यह विलय चाहते हैं और लगभग यह कार्य हो भी गया था, लेकिन अखिलेश इसमें बाधा बन गये वे बाहुबालियों से परहेज करना चाहते हैं. उन्हें अपनी स्वच्छ छवि की चिंता है. लेकिन मुलायम यह जानते हैं कि अगर शिवपाल पार्टी से गये, तो सपा को भारी नुकसान होगा, यही कारण है कि उन्होंने कौमी एकता दल के विलय को हरी झंडी दिखा दी है. लेकिन अखिलेश मान नहीं रहे हैं. मुलायम ने सपा की बैठक में खुद कहा है कि शिवपाल कई बार इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं.