इसलिए राज्य सरकार का मानना है कि जब काम हमारे राज्य में होगा आैर उस पर एक बहुत बड़ी रकम हमें ही खर्च करनी होगी तो नाम केंद्र सरकार का क्यों होगा. इस संबंध में राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि जब केंद्र राज्य का पूरा खर्च वहन करता तो हमें इस नाम पर कोई आपत्ति नहीं थी, पर चूंकि अब हमें लगभग 50 प्रतिशत खर्च वहन करना पड़ रहा है तो हम केंद्र की बात क्यों मानेंगे.
केंद्र को जो करना है, वह करे, पर अब से हमारा एक नाम होगा. शायद वह नाम राज्य सड़क योजना हो. श्री मुखर्जी का कहना है कि परियोजना पर केवल 60 प्रतिशत रकम खर्च कर केंद्रीय शासक दल इसका राजनीतिक फायदा उठा लेता है, जो हमें मंजूर नहीं है.