नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रिजर्व बैंक के नये गवर्नर की नियुक्ति के विषय में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक घंटे तक विचार विमर्श किया। रिजर्व बैंक गवर्नर का पद चार सितंबर को रिक्त हो जायेगा.
प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में समझा जाता है कि उन विभिन्न नामों पर चर्चा हुई जो कि रिजर्व बैंक के मौजूदा गवर्नर रघुराम राजन का स्थान ले सकते हैं. राजन तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद चार सितंबर को पद से हट जायेंगे. नये गवर्नर के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘‘जब हम निर्णय ले लेंगे तो आपको बता देंगे। आपको फैसले की जानकारी दी जायेगी, प्रक्रिया के बारे में नहीं.” प्रधानमंत्री परंपरागत तौर पर वित्त मंत्री के साथ सलाह मशिवरा करके ही रिजर्व बैंक गवर्नर की नियुक्ति करते हैं.
गवर्नर राजन ने जून महीने में उस समय सभी को चौंका दिया जब उन्होंने रिजर्व बैंक स्टाफ के नाम लिखे एक पत्र में यह घोषणा की कि वह दूसरा कार्यकाल नहीं लेंगे और पठन पाठन के क्षेत्र में लौट जायेंगे. रिजर्व बैंक गवर्नर के पद के लिये प्रमुख दावेदारों में केंद्रीय बैंक के मौजूदा डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल और पूर्व डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण का नाम आगे है.
गोकर्ण वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में कार्यकारी निदेशक हैं जबकि पटेल को जनवरी में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रुप में तीन साल का विस्तार दिया गया है. इस पद की दौड में कुछ और नाम भी शामिल हैं जिनमें विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास, स्टेट बैंक की प्रमुख अरंधति भट्टाचार्य और वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम के नाम प्रमुख हैं. वर्ष 1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरआत के बाद राजन पहले गवर्नर होंगे जिनका कार्यकाल छोटा होगा.
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