भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र दाखिल कर आरोप लगाया है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने उनका प्रमोशन रोकने की कोशिश की थी.
‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक जनरल दलबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दिए शपथ पत्र में कहा है- ‘साल 2012 में मुझे तब के सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने रहस्यमयी योजना, बुरी मंशा और दंड देने के मकसद से निशाना बनाया. इसका इकलौता उद्देश्य आर्मी कमांडर के रुप में मेरा प्रमोशन रोकना था.’
अखबार के मुताबिक ये पहला मौका है जबकि एक सेवारत सेना प्रमुख ने अपने पूर्ववर्ती के ख़िलाफ बयान दिया है.
वीके सिंह फिलहाल केंद्र सरकार में विदेश राज्यमंत्री हैं.
उधर, जनरल (रिटा) वीके सिंह की पत्नी भारती सिंह ने एक प्रापर्टी डीलर पर एक डॉक्टर्ड ऑडियो-वीडियो क्लिप के जरिए ब्लैकमेलिंग की कोशिश का आरोप लगाया है.
‘द हिंदू’ की ख़बर के मुताबिक भारती सिंह ने इस मामले में दिल्ली के तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई है.
‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी की अपने मंत्रालय की वरिष्ठ नौकरशाह रश्मि वर्मा के साथ तकरार की स्थिति बन गई है.
अख़बार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस मामले को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को हस्तक्षेप करना पड़ा है.
अख़बार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि स्मृति ईरानी इस बात को लेकर नाराज़ थीं कि उन्हें फाइलें सीधी नहीं भेजी जा रही हैं बल्कि फाइलें रश्मि वर्मा से होकर उन तक पहुंच रही हैं.
स्मृति ईरानी पहले मानव संसाधन मंत्री थीं. बीते दिनों मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल के बाद उन्हें कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल चीनी मांझे पर प्रतिबंध को लेकर आमने सामने हैं.
स्वाधीनता दिवस के दिन मांझे की वजह से दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी. अख़बार के मुताबिक दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि इस मामले की फाइल चार दिन से राज्यपाल नजीब जंग के पास है. वहीं जंग ने इससे इनकार किया है.
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के मुताबिक करदाताओं और आयकर विभाग के बीच भरोसा बहाल करने के लिए जल्दी ही कर्मचारियों को आयकर विभाग की तरफ से मासिक एसएमएस मिलेगा.
इसके जरिए उन्हें बताया जाएगा कि उनके वेतन से कटा टैक्स विभाग तक पहुंच गया है.
अखबार के मुताबिक इसका मकसद ये सुनिश्चित करना है कि किंगफिशर जैसे मामलों दोबारा न हों, जहां एयरलाइन्स कंपनी के अदायगी नहीं कर पाने की स्थिति में कर्मचारियों को टैक्स नोटिस दे दिए गए थे.
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