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हमारे साथ हैं सत्ता पक्ष के 17 विधायक
सीएनटी- एसपीटी पर हेमंत और हेमलाल आमने-सामने दुमका : नेता प्रतिपक्ष सह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि एसपीटी-सीएनटी में संशोधन के मुद्दे पर सरकार के फैसले के खिलाफ सत्तारूढ़ दल के 17 विधायक उनके साथ हैं. इनमें भाजपा विधायक ताला मरांडी भी शामिल हैं. दुमका में पत्रकारों से बातचीत में […]
सीएनटी- एसपीटी पर हेमंत और हेमलाल आमने-सामने
दुमका : नेता प्रतिपक्ष सह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि एसपीटी-सीएनटी में संशोधन के मुद्दे पर सरकार के फैसले के खिलाफ सत्तारूढ़ दल के 17 विधायक उनके साथ हैं. इनमें भाजपा विधायक ताला मरांडी भी शामिल हैं. दुमका में पत्रकारों से बातचीत में श्री सोरेन ने कहा कि सदन में भले उक्त विधायक हमारे साथ हों या न हों, पर आदिवासियों-मूलवासियों के हितों की रक्षा के लिए ये सभी विधायक सरकार द्वारा लाये जाने वाले अध्यादेश के विरोध में जरूर हैं.
इनमें से कई विधायकों ने संबंधित मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री को अपनी भावनाओं से अवगत करा चुके हैं. झामुमो ने भी राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति तक को अपनी भावना से अवगत कराया है. श्री सोरेन ने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने पीएम से भी मुलाकात का वक्त मांगा था, पर उनसे समय नहीं मिल पाया.
श्री सोरेन ने कहा कि सरकार राज्य को आदिवासियों-मूलवासियों से मुक्त बनाने के सपने बुन रही है. आज उन्हीं के दल के लोग जवाब-तलब कर रहे हैं. बाद में पूरे राज्य की जनता उनसे सवाल करेगी और सबक सिखायेगी.
एक्ट की मूल भावना से छेड़छाड़ नहीं हुई
गोड्डा : भाजपा के वरीय नेता सह पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू एसपीटी-सीएनटी एक्ट में संशोधन के सरकार के फैसले के समर्थन में खुल कर सामने आ गये हैं. रविवार को उन्होंने कहा कि विपक्ष सीएनटी व एसपीटी एक्ट के नाम पर यहां के भोलेभाले आदिवासियों के बीच भ्रम फैला रहा है.
रघुवर सरकार ने स्थानीयता के मुद्दे पर जिस तेजी से काम किया है, वह काम झामुमो के सरकार में नहीं हुआ था. एसपीटी व सीएनटी एक्ट में संशोधन आदिवासियों के पक्ष में हुआ है. एक्ट की मूल भावना से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. विपक्षी इसे बेवजह अपना मुद्दा बना रहे है.
मुआवजे का प्रावधान : श्री मुर्मू ने कहा िक हेमंत की सरकार ने तो मुंबई व राजस्थान से बालू ठेकेदारों को बुलाकर बालू बेचने का काम किया था. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार ने तो क्षेत्रीय कानून बनाने का काम किया है. कर्मचारी चयन आयोग व जेपीएसएसी में स्थानीय भाषा को प्रमुखता से स्थान दिया गया है. श्री मुर्मू ने कहा कि यदि यह संशोधन लागू हो जाता है, तो भू-स्वामियों को मुआवजा तीन माह के अंदर देय होगा. पहले यह नहीं था.
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