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जिला प्रशासन ने पीड़िता की मां को दिये 25 हजार

रांची: उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में जिला प्रशासन ने पीड़िता नाबालिग बच्ची की मां सब्बा उरांव को 25 हजार रुपये नकद दिये. यह राशि कार्यपालक दंडाधिकारी संजीव कुमार लाल ने उपायुक्त के कार्यालय कक्ष में दी. जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय ने 10 अगस्त को पीड़िता को मुआवजा देने का अादेश दिया था. […]

रांची: उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में जिला प्रशासन ने पीड़िता नाबालिग बच्ची की मां सब्बा उरांव को 25 हजार रुपये नकद दिये. यह राशि कार्यपालक दंडाधिकारी संजीव कुमार लाल ने उपायुक्त के कार्यालय कक्ष में दी. जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय ने 10 अगस्त को पीड़िता को मुआवजा देने का अादेश दिया था. मुआवजा देने के बाद उसकी रिपोर्ट डीसी के माध्यम से न्यायालय को भी उपलब्ध करायी जायेगी, क्योंकि उच्च न्यायालय ने बच्ची के मामले में क्या कार्रवाई हुई उसकी रिपोर्ट भी मांगी है.

पीड़िता बच्ची फिलहाल प्रेमाश्रय में है. उसके सिर पर चोटें भी हैं और शरीर में भी चोट के निशान हैं. उक्त बच्ची का इलाज सदर अस्पताल में कराया गया. पीड़िता सिसई की रहनेवाली है. निलंबित सीआइडी इंस्पेक्टर उमेश ठाकुर अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

क्या है मामला: सीआइडी इंस्पेक्टर उमेश ठाकुर पर उक्त बच्ची को अपने घर में रख कर काम कराने, उनकी पत्नी द्वारा उस बच्ची के साथ मारपीट करने का आरोप है. जब इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को मिली, तो सदस्यों ने पुलिस के साथ टीम बना कर बच्ची को मुक्त कराया. उक्त बच्ची को प्रेमाश्रय में रखा गया.

आरोपी को सजा मिले: सब्बा : मुआवजा लेने समाहरणालय पहुंची बच्ची की मां सब्बा उरांव काफी आक्रोशित है. उसका कहना है कि मैं चाहती हूं कि जिसने मेरी बच्ची के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार किया है, उसे कठोर से कठोर सजा मिले.

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