रांची: एचइसी के पुनरुद्धार के लिए केंद्र सरकार ने 956.48 करोड़ की योजना बनायी है. योजना के तहत एचइसी द्वारा रक्षा उपकरणों का भी उत्पादन किया जायेगा. राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्यसभा में यह जानकारी दी.
श्री सुप्रियो ने बताया कि एचइसी के पुनरुद्धार एवं आधुनिकीकरण के लिए मेकन द्वारा एक व्यापक योजना बनायी गयी है. इसके अंतर्गत एचइसी प्लांट तथा सुविधाओं का नवीकरण किया जायेगा. साथ ही वहां अतिरिक्त प्लांट भी लगाये जायेंगे. पूरी योजना में 956.48 करोड़ के व्यय का आकलन किया गया है.
श्री सुप्रियो के अनुसार एचइसी में रूस की एक कंपनी सिनितमास के साथ परमाणु और रक्षा उपकरणों संबंधी तकनीक के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. इसके अलावा मास्को के परमाणु ऊर्जा निगम रोस्टोम के साथ परमाणु पावर प्लांट के संबंध में एमओयू किया है.
केंद्र सरकार को दिया धन्यवाद : श्री पोद्दार ने एचइसी के पुनरुद्धार संबंधी इस योजना के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा है कि इससे झारखंड के विकास में काफी मदद मिलेगी. एचइसी के विकास से राजधानी सहित पूरे राज्य के आर्थिक विकास के अवसर बढ़ेंगे और झारखंड का गौरव भी बढ़ेगा.
नीति आयोग की टीम पहुंची आज दौरा
एचइसी के आधुनिकीकरण को लेकर नीति आयोग की टीम शुक्रवार को रांची पहुंची. टीम के सदस्यों का एयरपोर्ट पर एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने स्वागत किया. टीम के सदस्य शनिवार को एचइसी के आधुनिकीकरण के लिए प्लांटों का जायजा लेंगे तथा यह देखेंगे कि मेकन की ओर से आधुनिकीकरण के लिए बनायी गयी डीपीआर सही है या नहीं. इसके बाद अधिकारियों के साथ मुख्यालय में बैठक करेंगे. टीम का नेतृत्व आयोग के वाइस प्रेसिडेंट विजय कुमार सारस्वत कर रहे हैं. टीम में अंशु प्रकाश, बीपी राव, विश्वजीत सहाय, सदस्य डॉ बलदेव राज व अन्य शामिल हैं. दौरे के बाद टीम केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगी.
एचइसी में हड़ताल दो सितंबर को
एचइसी के छह श्रमिक संगठनों की संयुक्त बैठक शुक्रवार को हटिया कामगार यूनियन कार्यालय में हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि विभिन्न मांगों को लेकर दो सितंबर को एचइसी में हड़ताल की जायेगी. इस बाबत हटिया कामगार यूनियन के अध्यक्ष लालदेव सिंह ने बताया कि मुख्य मांगों में समय पर वेतन का भुगतान करने, नव नियुक्त कामगारों का बकाया दो वर्ष का एरियर भुगतान करने, ठेका श्रमिकों को स्थायी करने व जब तक स्थायी नहीं किया जाता है तब तक समान काम के लिए समान वेतन का भुगतान करने, श्रम कानूनों में संशोधन बंद करने, न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये करने, सभी कर्मियों को 3000 हजार रुपये पेंशन भुगतान करने की मांग शामिल है.