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लालकेश्वर व हरिहर की शह पर हेराफेरी
पड़ताल. स्टोर कीपर विकास को भेजा गया जेल, पुलिस फिर लेगी रिमांड पर पटना : बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद व पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा के शह पर स्टोर कीपर विकास ने गुजरात की कंपनी बिंदिया इंटरप्राइजेज को साढ़े आठ करोड़ की चपत लगायी थी. बिंदिया इंटरप्राइजेज के ब्रिजल कुमार जब बोर्ड अध्यक्ष […]
पड़ताल. स्टोर कीपर विकास को भेजा गया जेल, पुलिस फिर लेगी रिमांड पर
पटना : बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद व पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा के शह पर स्टोर कीपर विकास ने गुजरात की कंपनी बिंदिया इंटरप्राइजेज को साढ़े आठ करोड़ की चपत लगायी थी. बिंदिया इंटरप्राइजेज के ब्रिजल कुमार जब बोर्ड अध्यक्ष व सचिव से मिलने गये, तो उन्होंने यह कहा था कि आप विकास से बात कर लीजिए, वही सारा काम देखता है.
उन लोगों के इशारे के बाद विकास से टेंडर के संबंध में बातचीत शुरू कर दी. गुरुवार को बिंदिया इंटरप्राइजेज के ब्रिजल कुमार भरत भाई शाह सिटी एसपी मध्य चंदन कुमार कुशवाहा के कार्यालय में पहुंचे थे और उन्होंने इस बात की पूरी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर टेंडर देखा और फिर इस संबंध में अध्यक्ष व सचिव से मुलाकात की. दोनों ने विकास से ही बात करने को कहा था. इसके बाद उन लोगों ने टेंडर से संबंधित प्रक्रिया पूरी की. विकास ने उन लोगों को फोन कर बताया था कि उनका टेंडर पास हो गया है और वे लोग पटना आकर एग्रीमेंट, वर्क ऑर्डर व सप्लाइ ऑर्डर पर हस्ताक्षर कर दें. इसके बाद उन लोगों ने यह प्रक्रिया की.
ब्रिजल के अनुसार उत्तरपुस्तिकाएं करीब 400 टन थीं और 29 ट्रकों में भेजी गयी थीं. इनमें से कुछ ट्रकों की कॉपियां पटना के बाहर कुछ जिलों में परीक्षा केंद्र बता कर उतरवायी गयी थीं.
बाद में विकास ने यह बताया था कि उन्हें अब परीक्षा केंद्र पर उतरवाने की जरूरत नहीं है, वे सारा काम खुद करवा देंगे. इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन खर्च देना होगा. इस एवज में उसने चार लाख रुपये लिये. वे लोग पैसे के लिए पहुंचे, तो विकास ने बिल भी साइन व मुहर के साथ दे दिया और बताया कि आरटीजीएस के माध्यम से सारे पैसे उनके खाते में पहुंच जायेंगे.
बिल के नाम पर दौड़ाता रहा : ब्रिजल के अनुसार जब पैसा नहीं पहुंचा, तो वे विकास के पास पहुंचे. विकास उन्हें कभी बोर्ड अध्यक्ष, तो कभी सचिव के कार्यालय कक्ष के बाहर ले जाता और खुद अंदर चला जाता. इसके बाद बाहर निकलने के बाद यह जानकारी देता कि बात हो गयी है, जल्द ही आपका काम हो जायेगा.
जब बिहार बोर्ड घोटाले की जानकारी मिली, तो उन्होंने विकास से फिर पैसे के संबंध में बात की, तो वे ठीक से जवाब नहीं दे पाये. इसके बाद वे लोग बिहार बोर्ड कार्यालय में अधिकारियों से भेंट की, तो पता चला कि उनका टेंडर कभी पास ही नहीं हुआ है.
साढ़े आठ करोड़ के घोटाले के आरोपित विकास को गुरुवार को एसआइटी ने जेल भेज दिया. पूछताछ के दौरान उसने तबीयत खराब होने की जानकारी पुलिस को दी, हालांकि पुलिस ने तुरंत ही उसकी चिकित्सक से जांच करायी, तो वह नॉर्मल निकला. दो दिनों के ट्रांजिट रिमांड की अवधि खत्म होने के कारण उसे जेल भेज दिया गया. हालांकि पुलिस उसे फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. दूसरी ओर पुलिस ने दोनों कबाड़ी दुकानदार गुड्डु गुप्ता व शंकर को पीआर बांड पर छोड़ दिया है. फिलहाल उन दोनों के खिलाफ साक्ष्य एसआइटी को नहीं मिल पाया है.
विकास ने इन दोनों से ही उत्तरपुस्तिका बेचने की जानकारी पुलिस को दी थी. सिटी एसपी मध्य चंदन कुमार कुशवाहा ने बताया कि विकास को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. विदित हो कि पुलिस ने विकास को कोलकाता में पकड़ा था. उसके खिलाफ बिंदिया इंटरप्राइजेज के ब्रिजल कुमार भरत भाई शाह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
बिहार बोर्ड में हुए टॉपर घोटाले मामले में गुरुवार को मुख्य आरोपित व पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह व उनकी पत्नी उषा सिन्हा समेत अन्य को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया. पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया. फिर वहां से उन्हें फिर जेल भेज दिया गया. गौरतलब है कि दोनों को पुलिस ने वाराणसी से गिरफ्तार किया था.
पटना : इंटर और मैट्रिक के परीक्षार्थियों को उनकी उत्तरपुस्तिकाओं को एक नंबर दिया जायेगा. यही नंबर उनकी उत्तरपुस्तिका की जांच के दौरान पहचान बनेगी. उत्तरपुस्तिका से परीक्षार्थी के नाम, एड्रेस, रोल नंबर व रोल कोड हटा दिये जायेंगे. अब उत्तरपुस्तिका पर बार कोड होगा. इसकी शुरुआत 2016 की कंपार्टमेंटल परीक्षा से होगी. 2017 की इंटर और मैट्रिक की मुख्य परीक्षा में इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जायेगा. मालूम हो कि नयी व्यवस्था में उत्तर पुस्तिका का प्रथम पृष्ठ दो भाग में होगा. दोनों ही भाग पर बार कोड का स्टिकर लगा रहेगा.
जिस पृष्ठ पर छात्र अपना नाम, रोल नंबर अादि लिखेंगे, उसे हटा कर बोर्ड अपने पास रखेगी. दूसरे भाग को रहने दिया जायेगा. इसके बाद उत्तरपुस्तिकाओं की जांच होगी. उत्तर पुस्तिका पर बार कोडिंग स्टिकर संबंधित जिला के डीएम, एसपी के सामने बोर्ड के सिक्रेसी ऑफिसर द्वारा चिपकाये जायेंगे.
बार कोडिंग और प्री एग्जाम साॅफ्टवेयर की तैयारी शुरू : बार कोडिंग और प्री एग्जाम साॅफ्टवेयर को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में गुरुवार को बैठक हुई. बैठक दो स्तरों पर हुई.
पहली बैठक प्री एग्जाम सॉफ्टवेयर को लेकर थी. वहीं दूसरी बैठक उत्तरपुस्तिका, ओएमआर शीट, बार कोडिंग स्टिकर को लेकर थी. इन सभी को लेकर देशभर से 22 कंपनी ने अपना प्रेजेंटेशन दिया. बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि सीबीएसइ, आइसीएसइ और कई स्टेट बोर्ड का हमने परीक्षा सिस्टम देखा है. उसी के अाधार पर बिहार बोर्ड में भी बार कोडिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है. इस बार कंपार्टमेंटल परीक्षा से ही इसे लागू करने की संभावना है.
13 को बोर्ड और 16 को टीइटी को लेकर बैठक : 13 अगस्त को बोर्ड की बैठक भी आयोजित की जायेगी. वहीं, दिसंबर में टीइटी और एसटीइटी की परीक्षा ली जायेगी. इस परीक्षा को लेकर बिहार बोर्ड में 16 अगस्त को बैठक होगी.
टॉपर घोटाले में गुरुवार को निगरानी के विशेष जज राघवेंद्र कुमार सिंह की अदालत में अग्रिम जमानत के आवेदन की सुनवाई के बाद तीन अभियुक्ताें की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
बचाव पक्ष के अधिवक्ता राम विनय सिंह ने विशेष अदालत में अभियुक्त विशुनदेव राय, राजवंशी राय व रामनगीना राय के अग्रिम जमानत आवेदन पर बहस के दौरान अदालत से निवेदन किया कि उक्त अभियुक्तगण बीती परीक्षा के दौरान विशुनदेव राय कॉलेज, हाजीुपर के मैनेंजिंग कमेटी के सदस्य नहीं थे. ऐसे में इन लोगों पर परीक्षा में गड़बड़ी करने का आरोप नहीं बनता है.
अदालत ने आदेश पारित करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष उस कमेटी के सदस्यों की सूची दें, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि ये लोग सदस्य थे या नहीं. रिपोर्ट आने तक अदालत ने तीनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. अदालत ने रिपोर्ट पेश करने के लिए 30 अगस्त सुनिश्चित की है. बच्चा राय के िपता हैं विशुनदेव राय.
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