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तीन दिनों के अंदर मिलेगा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र

सात तरह की सेवाओं को समय सीमा के भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश प्रसूता महिला को 1400 रुपये उपलब्ध कराने का निर्देश खगड़िया : बिहार राज्य लोक शिकायत निवारण अधिनियम लागू होने के बाद अब उसके दायरे में आने वाले सरकारी महकमों को समय सीमा के भीतर आम लोगों को प्रदत्त सेवा उपलब्ध कराना पड़ेगा. […]

सात तरह की सेवाओं को समय सीमा के भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश

प्रसूता महिला को 1400 रुपये उपलब्ध कराने का निर्देश
खगड़िया : बिहार राज्य लोक शिकायत निवारण अधिनियम लागू होने के बाद अब उसके दायरे में आने वाले सरकारी महकमों को समय सीमा के भीतर आम लोगों को प्रदत्त सेवा उपलब्ध कराना पड़ेगा. स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत मिलने वाली सात तरह की सेवाओं को समय सीमा के भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश विभागीय अधिकारी ने सिविल सर्जन व अस्पताल अधीक्षक को दिया है. समय सीमा के भीतर सेवा उपलब्ध नहीं कराने पर लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत लाभुक द्वारा परिवाद पत्र दाखिल किया जा सकता है.लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष परिवाद पत्र दायर नहीं हो, इसके लिए विभाग ने संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया है.
प्रसूता को डिस्चार्ज होने के साथ मिलेंगे 1400 रुपये
स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी शंकर प्रसाद ने पत्रांक 1523, एक अगस्त द्वारा सीएस को लिखे पत्र में कहा है कि विभाग द्वारा प्रदत्त सेवाओं को समय सीमा के भीतर निष्पादन करें. जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत प्रसूता महिला को 1400 रुपये अस्पताल से डिस्चार्ज होने के साथ ही उपलब्ध करायें. जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र भी अस्पताल से डिस्चार्ज के समय या अधिकतम तीन दिनों के भीतर निर्गत करें.
इसी तरह स्वास्थ्य जांच प्रमाण पत्र स्वास्थ्य जांच के दिन उपलब्ध करायें. तकनीकी कारणों से तीन दिन के भीतर अनिवार्य रूप से यह प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दें. जख्म प्रतिवेदन 24 घंटे के भीतर उपलब्ध करायें. पोस्टमार्टम रिपोर्ट व विकलांगता प्रमाण पत्र उसी दिन अथवा अधिकतम तीन दिन के भीतर उपलब्ध करायें.
अब तक फेल रहा है स्थानीय स्वास्थ्य महकमा
विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी के इस आदेश का अनुपालन करना स्थानीय विभागीय अधिकारियों के लिए चुनौतीपूर्ण है. अब तक निर्धारित प्रदत्त सेवाओं को समय सीमा के भीतर उपलब्ध नहीं कराया गया है.
चालू वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के विरुद्ध 14 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुआ है, लेकिन मात्र 10 प्रतिशत महिलाओं को ही जननी बाल सुरक्षा योजना का लाभ दिया गया है. जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र, नि:शक्ता प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जख्म रिपोर्ट आदि निर्गत करना तो संबंधित स्वास्थ्य संस्थान के कर्मचारी व अधिकारी पर निर्भर करता है. इन प्रमाण पत्र को लेने में लाभुक को महीनों मशक्कत करनी पड़ती है.
कहते हैं सीएस
सीएस डॉ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि लाभुकों को ससमय प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है. प्रमाण पत्र भी ससमय उपलब्ध कराने का प्रयास जारी है.
स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत मिलने वाली सात तरह की सेवाओं को समय सीमा के भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश विभागीय अधिकारी ने सिविल सर्जन व अस्पताल अधीक्षक को दिया है. समय सीमा के भीतर सेवा उपलब्ध नहीं कराने पर लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत लाभुक द्वारा परिवाद पत्र दाखिल किया जा सकता है.

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