कराची : पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में शामिल हनीफ मोहम्मद गुरुवार को आगा खान अस्पताल में आखिरी सांस ली. उनकी मौत की खबर को लेकर सारा दिन मीडिया में विरोधाभास की स्थिति बनी रही. हालांकि शाम होने पर पाकिस्तानी अखबार के हवाले से प्रमाणिक खबर आयी की हनीफ मोहम्मद अब हमारे बीच नहीं रहे. आगा खान अस्पताल जहां उनका इलाज चल रहा था, वहां के प्रवक्ता ने उनके मौत की खबर ही पुष्टि की.
उनके दिल की धड़कन छह मिनट के लिए रुक जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में इस खबर को गलत बताया गया. हनीफ कुछ देर के लिए मौत के मुंह से बाहर आ गये थे, लेकिन आखिरकार दुनिया के महान बल्लेबाजों में शामिल इस खिलाड़ी ने इस बार मौत से हार गये और सदा के लिए दुनिया को अलविदा कह गये.
हनीफ पाकिस्तान क्रिकेट में ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट में अपनी पहचान बनायी थी. उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट का लिटिल मास्टर कहा जाता था. उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किये. आइये जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें.
1. पाकिस्तान क्रिकेट में लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर थे हनीफ मोहम्मद
2. हनीफ ने 1952 से लेकर 1969 के बीच कुल 55 टेस्ट मैच खेले. जिसमें उन्होंने 43.98 के शानदार औसत ने 12 शतक जमाये.
3. पाकिस्तान क्रिकेट को टेस्ट टीम का दर्जा दिलाने में हनीफ का बहुत बड़ा योगदान था.
4. हनीफ एक अच्छे बल्लेबाज तो थे ही, लेकिन वो एक अच्छे गेंदबाज भी थे. हनीफ की खासियत थी कि वो दोनों हाथों से गेंदबाजी कर सकते थे.
5. हनीफ के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे लंबी पारी खेलने का रिकॉड था, जिसे 40 सालों तक नहीं तोड़ा जा सका था.
6. वेस्टइंडीज के खिलाफ हनीफ ने लगातार 16 घंटे तक बल्लेबाजी की थी और 337 रन बनाये थे. यह लंबी पारी क्रिकेट इतिहास में आज भी याद किया जाता है.
7. हनीफ के इस रिकॉर्ड को 40 साल के बाद 2014 में न्यूजीलैंड के ब्रेंडम मैकुलम ने भारत के खिलाफ खेलते हुए तोड़ा था. इस मैच में मैकुलम ने शानदार तीहरा शतक जमाया था.
8. फर्स्ट क्लास में दुनिया के महान क्रिकेटर सर डॉन ब्रेडमैन की लंबी पारी को हनीफ ने तोड़ा था. उन्होंने 1958-59 में 499 रनों की विशाल पारी खेली थी.
9. हनीफ का यह रिकॉर्ड 35 सालों तक बना रहा. बाद में वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने 1994 में इस रिकॉर्ड को तोड़ा.
10. हनीफ को कई अवॉर्ड भी मिल चुका है. उन्हें 1968 में विज्डन क्रिकेटर ऑफ द इयर से नवाजा गया था. इसके अलावा 2009 में उन्हें आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था.