पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने तेजी से आयी विकास दर में गिरावट के लिए बिहार की नीतीश सरकार पर प्रहार करते हुए आज पूछा कि कल तक सर्वोच्च विकास दर को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही नीतीश सरकार बताये कि 2014-15 की तुलना में बिहार की विकास 2015-16 में औंधे मुंह गिर कर आधी क्यों हो गयी. बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि देश के सभी राज्यों के लिए केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011-12 तथा राज्य सकल घरेलू उत्पाद के संकलित आंकड़ों के आधार पर 2014-15 में 13.02 प्रतिशत के साथ अव्वल रहने वाला बिहार की विकास दर 2015-16 में घट कर करीब आधी 7.14 प्रतिशत हो गयी जबकि इसी अवधि में झारखंड की विकास दर 12.14 प्रतिशत रही.
बिहार सरकार पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि वर्तमान मूल्य पर भी बिहार की विकास दर 2014-15 में जहां 17.92 प्रतिशत थी वही 2015-16 में 10.59 प्रतिशत हो गई. क्या यह पिछले 10 वर्षों में सबसे कम नहीं है. सुशील ने आरोप लगाया कि विकास दर में पिछड़ने के बाबत बिहार सरकार ने सीएसओ जैसी स्वायत्त संस्था पर अंगुली उठाते हुए कहा है कि उसने निर्माण और उद्योग के उसके आंकड़े को स्वीकार नहीं कर स्वतंत्र एजेंसी से डाटा प्राप्त किया जबकि पूरे देश के लिए आंकड़ों के संकलन और विश्लेषण की सीएसओ की पद्धति एक तरह की है.
सीएसओ स्वायत संस्था
उन्होंने कहा कि सीएसओ एक स्वायत्त संस्था है जो लगभग तीन चौथाई आंकड़े विभिन्न स्रोतों से व एक चौथाई राज्य के बजट व अन्य दस्तावेजों से संकलित करता है. सीएसओ पर अंगुली उठा कर क्या सरकार नाच न जाने आंगन टेढ़ा की लोकोक्ति को चरितार्थ नहीं कर रही है. सुशील ने आरोप लगाया कि दरअसल बिहार की वित्तीय स्थिति लगातार खस्ता होती जा रही है. सरकार जोड़तोड़ की राजनीति और शराबबंदी में मशगूल है जबकि बिहार के सभी मानकों पर लगातार पिछड़ता जा रहा है.