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मस्तिष्क ज्वर से एक मरीज की मौत

जहानाबाद (नगर) : जिले में जापानी इंसेफलाइटिस की दस्तक से स्वास्थ्य महकमा सजग हो गया है. इससे एक मरीज की मौत हो चुकी है, जबकि इस बीमारी से पीड़ित अन्य कोई मरीज अब तक सरकारी अस्पतालों में नहीं आया है. परंतु स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी की दस्तक के बाद आवश्यक तैयारियां कर ली है. जापानी […]

जहानाबाद (नगर) : जिले में जापानी इंसेफलाइटिस की दस्तक से स्वास्थ्य महकमा सजग हो गया है. इससे एक मरीज की मौत हो चुकी है, जबकि इस बीमारी से पीड़ित अन्य कोई मरीज अब तक सरकारी अस्पतालों में नहीं आया है.

परंतु स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी की दस्तक के बाद आवश्यक तैयारियां कर ली है. जापानी इंसेफलाइटिस के मरीजों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था के साथ ही इलाज के जरूरी उपाय किये गये हैं. साथ ही जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कीट की भी व्यवस्था की गयी है, जिसकी सहायता से मरीजों की जांच तथा उपचार हो सके.

क्या है जापानी इंसेफलाइटिस: जापानी इंसेफलाइटिस एक तरह का मस्तिष्क ज्वर है. यह एक जानलेवा बीमारी जरूर है, परंतु सजगता बरतने पर इससे बचा जा सकता है. यह मुख्यत: छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को होता है. यह बीमारी मादा क्युलेक्स मच्छर के काटने से होता है. यह वेक्टर बॉडी डिजीज है. इससे वायरल संक्रमण होता है. इस बीमारी के लक्षण मिलने पर घबराने की जरूरत नहीं है. थोड़ी सी सावधानी बरतने पर इस बीमारी से बचा जा सकता है. घर या आसपास गंदगी व जलजमाव न होने दें, साथ ही बगैर हाथ-मुंह धोये कुछ भी खाने से परहेज करें, तो इस बीमारी के संक्रमण से बचा जा सकता है. इसके लक्षण मिलने पर शीघ्र ही नजदीकी अस्पतालों में संपर्क करें व इलाज करायें.

फैलाव के क्या हैं कारण

मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से

दूषित पानी का उपयोग करने से

सूअर व जलीय पक्षी इस बीमारी के फैलाव में होते हैं मददगार

उपचार की है व्यवस्था

सदर अस्पताल में जापानी इंसेफलाइटिस से पीड़ित मरीजों की उपचार की पूरी व्यवस्था है. अब तक एक मरीज की इससे मौत होने की जानकारी मिली है. हालांकि अस्पताल में अब तक कोई अन्य मरीज नहीं आया है.

डॉ वीके झा, प्रभारी अस्पताल उपाधीक्षक

जापानी इंसेफलाइटिस के क्या हैं लक्षण

तेज व लगातार बुखार बने रहना

च्यूंटी काटने पर शरीर में कोई हरकत न होना

पूरे शरीर या किसी खास अंग में ऐंठन होना

शरीर में चमकी होना

दांत पर दांत बैठना

बच्चों का सुस्त होना

बच्चों का बेहोश होना

रोकथाम के उपाय

मस्तिष्क ज्वर से बचने के लिए साबुन से हाथ जरूर धोयें

हमेशा स्वच्छ पानी का प्रयोग करें

हैंडपंप के चारों तरफ पानी इकट्ठा न होने दें

बरतन में रखे पीने का पानी में हाथ न डालें

बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान दें

बच्चों के टीकाकरण में लापरवाही न बरतें

जानवरों को घर से अलग रखें और वहां की साफ-सफाई करें

शौचालय का इस्तेमाल करें, नहीं रहने पर घर से दूर जायें

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