रांची: धनबाद के राजगंज थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर 14 जून की रात ट्रक चालक मो नाजिर को पुलिस ने गोली मार दी थी. इस घटना को लेकर पुलिस ने जो प्राथमिकी दर्ज की है, उसमें मो नाजिर के दो सहयोगी (मो नफीस व मो जाकिर) पर पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया गया है.
फिर स्वीकारोक्ति बयान दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया गया. मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश पर इस मामले की हुई जांच में पुलिस पर गोली चालाने और मो नाजिर को गोली मारने की घटना को संदेहास्पद बताया गया है. पुलिस द्वारा तैयार की गयी जब्ती सूची को भी विश्वसनीय नहीं बताया गया है.
इस रिपोर्ट के आने के 40 दिन बाद भी पुलिस ने जेल भेजे गये मो नफीस व मो जाकिर को छुड़ाने की कोई कोशिश नहीं की है. दोनों 54 दिन से जेल में बंद हैं. पुलिस ने अपनी तरफ से कोर्ट को कोई जानकारी नहीं दी है.
उल्लेखनीय है कि जांच रिपोर्ट में चालक पुलिस राजेश कुमार महतो के बयान के हवाले से कहा गया है कि जब्त वाहनों को तोपचांची थाना से सात किमी दूर से स्कॉर्ट कर लिया गया था. इस तरह प्राथमिकी में अंकित समय, मवेशी लदे गाड़ियों को पकड़ने का स्थल और लाइन तोड़ कर ट्रक के भागने की बात में विरोधाभाष है. जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने बाघमारा के तत्कालीन एसडीपीओ मो मनजरुल होदा और हरिहरपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी संतोष रजक को निलंबित कर दिया था. धनबाद के एसएसपी सुरेंद्र झा का तबादला कर दिया, लेकिन जेल में बंद युवकों के बारे में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.