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बुलंदशहर गैंगरेप कांड : प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आइजी की जबान फिसली, देनी पड़ी सफाई

लखनऊ : बुलंदशहर गैंगरेप केस में कल हुई गिरफ्तारी के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए मेरठ जोन के आईजी सुजीत पांडे ने पीड़ित परिवार का नाम उजागर कर दिया. जबकि एेसे मामलों में पीड़िता और उसके परिवार की पहचान उजागर करना कानूनन गलत है. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि […]

लखनऊ : बुलंदशहर गैंगरेप केस में कल हुई गिरफ्तारी के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए मेरठ जोन के आईजी सुजीत पांडे ने पीड़ित परिवार का नाम उजागर कर दिया. जबकि एेसे मामलों में पीड़िता और उसके परिवार की पहचान उजागर करना कानूनन गलत है. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि मैंने पीड़िता का नहीं उसके परिवार का नाम लिया है, जो लिया जा सकता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान पीड़िताओं ने कर ली है, लेकिन शिकायतकर्ता का कहना है कि पहचान नहीं करवाई गयी है.

आज सुबह आईजी पांडे नेमुख्य आरोपी सलीम और दो अन्य आरोपी परवेज और जुबैर की गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कल रात मुख्य आरोपी सलीम के साथ दो अन्य आरोपियों कोगिरफ्तारकर लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में पहले भी तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, हालांकि एक और आरोपी अभी फरार चल रहा है. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपी कन्नौज से हैं. अपराध को अंजाम देने के बाद आरोपी झारखंड भाग गये थे. हमारे पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिन्हें हम कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे. आइजी के अनुसार, अपराधियों ने अपराध को अंजाम देने से पहले घटनास्थल की रेकी की थी.

आईजी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने शराब पी थी. इन आरोपियों के पास से हथियार और महिलाओं के आभूषण और पैसे भी बरामद किये गये हैं. उन्होंने बताया कि सलीम एक गैंग चलाता है, जिसने इस गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. इस गैंग में 10-12 लोग शामिल हैं. उन्होंने बताया कि बंदूक का भय दिखाकर महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था. आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.

आईजी ने बताया कि आरोपियों की पहचान पीड़िताओं ने कर ली है. चूंकि उनके साथ इस तरह की हैवानियत वाली घटना हुई, इसलिए उनके लिए पहचान करना कोई बहुत मुश्किल भरा काम नहीं था. आरोपियों के पास से मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं, जिसकी जांच के बाद और भी कई खुलासे हो सकते हैं. आईजी ने बताया कि अभी इस आरोपियों से और पूछताछ की जायेगी, जिसमें कई और मामलों के खुलासे हो सकते हैं.

आइजी सुजीत पांडेय ने कहा कि यह सवाल उठाया जा रहा है कि अंधेरा होने के बाद अपराधियों को महिलाओं ने पहचाना कैसे? उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब वे अपराधी इन महिलाओं की कार के पास पहुंचे तो दरवाजा खुलने पर लाइट जली जिसमें उन्होंने अपराधियों का चेहरा देख लिया था.

सुजीत पांडेय के अनुसार, अपराधियों को मेरठ में छापा मार कर पकड़ गया है और उनके पास से दो तमंचा, चार कारतूस, महिलाओं के गहने, नकदी, जींस व टीशर्ट बरामद किये गये हैं. घटनास्थल से कपड़े व बाल आदि बरामद किये गये हैं, जिनकी फारेंसिक जांच भी करायी जायेगी.

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