लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में पिछले दिनों मां-बेटी से सामूहिक दरिंदगी मामले की सीबीआई जांच के निर्देश देने के आग्रह वाली याचिका पर आज राज्य सरकार से एक हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने के आदेश देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 22 अगस्त नियत की. न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही और न्यायमूर्ति विजय लक्ष्मी की पीठ ने यह आदेश बुलन्दशहर सामूहिक बलात्कार काण्ड की सीबीआई जांच तथा सूबे में राजमार्गों पर सुरक्षा के समुचित बंदोबस्त करने के आदेश देने के आग्रह वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
बाकी अभियुक्तों की तलाश जारी
अदालत ने याची से इस काण्ड के पीछे कथित अनियमितताओं का विवरण दाखिल करने को कहा था, जिसे आज पेश किया गया. इसमें कहा गया है कि मामले की जांच प्रक्रिया में आत्मविश्वास की कमी है. अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल ने अदालत से कहा कि मामले की जांच की जा रही है और अब तक तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है. तीन अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है और उम्मीद है कि वे भी बहुत जल्द गिरफ्त में होंगे. इसके लिये हर मुमकिन कोशिश की जा रही है.
22 अगस्त को अगली सुनवाई
उन्होंने यह भी कहा कि मात्र आत्मविश्वास की कमी के आधार पर मामले को सीबीआई के सुपुर्द नहीं किया जा सकता. इसके अलावा सरकार पहले ही जाहिर कर चुकी है कि उसे यह जांच सीबीआई के हवाले करने में कोई गुरेज भी नहीं है. इस पर अदालत ने सरकार से कहा कि वह एक हफ्ते के अंदर समुचित हलफनामा :जवाब: दाखिल करे. मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी. मालूम हो कि सामाजिक संगठन ‘वी द पीपुल’ की ओर से उसके महासचिव प्रिंस लेनिन ने गत मंगलवार को दायर याचिका में अदालत से आग्रह किया था कि वह राज्य सरकार को बुलन्दशहर की घटना की सीबीआई जांच कराने और खासकर रात में यात्रियों की सुरक्षा के लिये राजमार्गों पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने के आदेश दे.