भागलपुर : गंभीर होती जा रही बिजली संकट पर चारों ओर से बन रहे दबाव के बावजूद फ्रेंचाइजी कंपनी अपनी जगह पर स्थिर है. वे दबाव में आकर न तो पीछे हट रही है और न ही उस पर सरकारी बिजली कंपनी एसबीपीडीसीएल कोई कार्रवाई कर रही है. दोनों ओर से मामला करोड़ाें के बकाया राशि के पेच में फंसा है. सूत्र की मानें तो सरकारी बिजली कंपनी का फ्रेंचाइजी पर लगभग 135 करोड़ रुपये का बकाया चढ़ गया है. बकाया की वजह से अगर कंपनी फ्रेंचाइजी को छोड़ता है तो उन्हें तुरंत हिसाब कर एसबीपीडीसीएल को भुगतान करना होगा.
इधर, सरकारी कंपनी फ्रेंचाइजी पर कार्रवाई करती है, तो उनका बकाया डूबने की उम्मीद बनती है. ऐसे में दोनों कंपनी अपने-अपने जगहों पर स्थिर है और संशय की स्थिति बनी है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. गंभीर बिजली संकट के दौर से गुजर रहे शहरवासियों का हाल बुरा हो गया है. इस पर हर कोई मरहम लगाने की केवल कोशिश कर रही है. कोई कंपनी को अल्टीमेटम दे रहा है तो कोई सुधरने की मोहलत.
निष्कर्ष कुछ भी नहीं निकल रहा है. आवंटन में बिना कोई कमी के उपभोक्ताओं को बमुश्किल 12 से 14 घंटे ही बिजली मिलती है और वह बरदाश्त करने को विवश हैं. उपभोक्ता अगर फ्रेंचाइजी कंपनी का डिफॉल्टर होता है, तो उस पर कार्रवाई होती है. फ्रेंचाइजी कंपनी भी एसबीपीडीसीएल का डिफॉल्टर है और कार्रवाई नहीं हो रही है. साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) से बिजली खरीद कर उपभोक्ताओं को बेचने का काम करती है. इसके अलावा एसबीपीडीसीएल का उपभोक्ताओं पर पुराना बकाया वसूलती है.