पुराणों व शास्त्रों में मंत्रों के प्रभाव का उल्लेख है. शास्त्रों में लिखित हर श्लोक एक मंत्र है और उसका चमत्कारिक प्रभाव मनुष्य के जीवन पर पड़ता है. विभिन्न कामनाओं के लिए शास्त्रों में अलग-अलग मंत्रों का उल्लेख भी है. मंत्र शब्द मन एवं त्र के संयोग से बना है. यहां मन का अर्थ- विचार है और त्र का अर्थ-मुक्ति है. यानी गलत विचारों से मुक्ति. वैसे मंत्रों का कोई शाब्दिक अर्थ नहीं होता है. मंत्र विशिष्ट शब्दों का एक जोड़ा है, जिसका उच्चारण विशिष्ट ध्वनि, तरंग, कंपन एवं अदृश्य आकृतियों को जन्म देता है. इस प्रकार मंत्र द्वारा निराकार शक्तियां साकार होने लगती हैं. मंत्र के लगातार जाप से उत्पन्न संवेग वायुमंडल में छिपी शक्तियों को नियंत्रित करता है और उस पर साधक का प्रभाव एवं अधिकार हो जाता है. मंत्र वह दिव्य शक्ति है, जिसके द्वारा दैवी शक्तियों का अनुग्रह साधना से सुगमता से प्राप्त किया जा सकता है. मंत्र की सिद्धी और साधना के लिए दृढ़ संकल्प, शक्ति, श्रद्धा का होना जरूरी हैं, इसके बिना सफलता नहीं मिलती है.
मंत्रों की उत्पति वेदों और पुराणों से हुई है. वेदों का हर श्लोक एक मंत्र है. वेदों के अनुसार ध्वन्यात्मक और कार्यात्मक दो प्रकार के मंत्र होते हैं. ध्वन्यात्मक मंत्रों का कोई विशेष अर्थ नहीं होता है. इसकी ध्वनि ही बहुत प्रभावकारी होती है. ओं, ऐं, ह्रीं, क्लीं, श्रीं, अं, कं, चं आदि ध्वन्यात्मक मंत्र हैं. उसी प्रकार विशेष अर्थ वाले मंत्रों को कार्यात्मक मंत्रों की श्रेणी में रखा गया है. कार्यात्मक मंत्रों का उपयोग पूजा पाठ आदि में किया जाता है. ॐ नमः शिवाय या श्री गणेशायः नमः आदि कार्यात्मक मंत्र हैं. वैसे मंत्रों का उच्चारण मानसिक रूप से ही लाभकारी होता है लेकिन बीज मंत्रों का उच्चारण ध्वनि के साथ करना लाभकारी होता है.
विभिन्न मंत्रों से होने वाले लाभ
ॐ गं गणपतये नमः : व्यापार लाभ, संतान प्राप्ति, विवाह एवं समस्त कार्यों के लिए.
ॐ हृीं नमः : धन प्राप्ति के लिए.
ॐ नमः शिवाय : स्वास्थ्य लाभ और मानसिक शांति के लिए.
ॐ शांति प्रशांति सर्व क्रोधोपशमनि स्वाहा : क्रोध शांति के लिए.
ॐ हृीं श्रीं अर्ह नमः : विजय प्राप्ति के लिए.
ॐ क्लिीं ॐ : कार्य की रुकावट दूर करने के लिए.
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय : आकस्मिक दुर्घटना से बचाव के लिए.
ॐ हृीं हनुमते रुद्रात्म कायै हुं फटः : पद वृद्धि के लिए.
ॐ हं पवन बंदनाय स्वाहा : प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए.
ॐ भ्रां भ्रीं भौं सः राहवे नमः : पारिवारिक शांति के लिए.
भगवान शिव के कुछ चमत्कारिक मंत्र
आयु वृद्धि के लिए : ॐ नम: शिवाय
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए : ॐ महादेवाय नम:
पुत्र प्राप्ति के लिए : ॐ नम: शिवाय
मान, सम्मान की वृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए : ॐ नमो भगवते रुद्राय
भोग और मोक्ष की प्राप्ति के लिए : ॐ नमो भगवते रुद्राय
मकान और वाहन सुख प्राप्ति के लिए : ॐ महादेवाय नम:
मन पसन्द पत्नी या प्रेमिका प्राप्ति के लिए : ॐ भगवत्यै उमा देव्यै शंकर प्रियायै नम:
रोग नाश के लिए : ॐ ह्रौं जूँ सः मम पालय पालय स: जूँ ह्रौं ॐ
दरिद्रता, रोग, भय, बन्धन, क्लेश नाश के लिए : ॐ शंकराय नम: