नयी दिल्ली : राज्यसभा में जीएसटी विधेयक के पारित होने पर खुशी जताते हुए उद्योग जगत ने आज कहा कि यह बहु-प्रतीक्षित अप्रत्यक्ष कर सुधार अर्थव्यवस्था की वृद्धि में उल्लेखनीय योगदान देगा तथा वस्तु एवं सेवाओं की लागत में कमी लाएगा.
उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने जीएसटी को देश में कर के क्षेत्र में एक बडा सुधार बताया और कहा, ‘‘जीएसटी से वस्तुओं एवं सेवाओं पर विभिन्न बहु-स्तरीय अप्रत्यक्ष कर के दुष्प्रभाव कम होने की उम्मीद है. यह देश के अधिकतर केंद्रीय और राज्य स्तरीय शुल्कों एवं करों को समाहित करेगा. इससे देश एक राष्ट्रीय बाजार बनेगा.”
उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी आने वाले वर्षों में बहुप्रतीक्षित पारदर्शिता और उच्च निवेश लाएगा और हम उच्च कर राजस्व एवं निवेश से देश के जीडीपी में कुछ प्रतिशत अंक की वृद्धि की उम्मीद करते हैं.” राज्यसभा ने आज बहुप्रतीक्षत जीएसटी विधेयक को मंजूरी दे दी. सरकार संविधान संशोधन विधेयक पारित कराने को लेकर विपक्षी दलों के साथ आमसहमति बनाने में कामयाब रही.
एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनोडिया ने जीएसटी पारित होने को भारत के आर्थिक सुधारों में 1991 के सुधारों के बाद मील का पत्थर बताया. हालांकि उन्होंने कहा कि एक बडी चुनौती इसे लोगों के अनुकूल बनाना है.
फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्द्धन नेवतिया ने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने में विपक्षी दलों का सहयोग लोकतंत्र की आधारशिला है और यह उद्योग को देश में सुधारों की प्रगति को लेकर काफी उम्मीदें बढ़ता है.” सीबीआरई के चेयरमैन अंशुमन मैगजीन (भारत और दक्षिण पूर्व एशिया) ने कहा कि यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिये एक बड़ा कर सुधार है जो भारत को एकल बाजार में तब्दील करेगा.
नासकॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था से कर व्यवस्था मजबूत होगी और इसे अधिक पारदर्शी बनाएगी. लेकिन बहु कराधान केंद्र सृजित करेगी जो आईटी उद्योग के लिये एक चुनौती है. अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडलेवाल ने कहा कि जीएसटी से व्यापारियों को तमाम तरह के करों के चंगुल से छुटकारा मिलेगा.
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