नयी दिल्ली : सरकार ने आज कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करने के डर को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि इसके प्रदर्शन को लंबी अवधि में देखा जाना चाहिए. सेवानिवृत्ति कोष संस्थान को पहले ही इस पर एक साल के भीतर 12 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न प्राप्त हुआ है जो सरकारी प्रतिभूतियों में मिले रिटर्न से अधिक है. श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने कहा, ‘यदि आप कुशलता के साथ मिली जुली शेयर पूंजी में निवेश करते हैं तो निश्चित रूप से बहुत ज्यादा जोखिम नहीं रहता. हम शेयर के प्रदर्शन का आकलन एक, दो या तीन महीनों में नहीं कर सकते. जब हम शेयरों में निवेश करते हैं तो यह 20 या 30 सालों के लिए होता है.’
यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘हमने 31 जुलाई 2016 तक शेयरों में निवेश पर 12 प्रतिशत का रिटर्न पाया है जो सरकारी प्रतिभूतियों पर मिले आठ या साढे सात प्रतिशत के रिटर्न से बेहतर है.’ ईपीएफओ ने पिछले साल अगस्त में ईटीएफ में निवेश करना शुरू किया था और 30 जून 2016 तक 7,465 करोड रुपये का इसमें निवेश किया. ईपीएफओ अपने निवेश लायक जमा का 15 प्रतिशत ही शेयर या उससे जुडी योजनाओं में लगा सकता है और संगठन ने अपने उपलब्ध कोष का पांच प्रतिशत ईटीएफ में निवेश करने का निर्णय किया.
श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने भी संकेत दिए हैं कि ईटीएफ में निवेश को मौजूदा पांच प्रतिशत के स्तर से बढाकर 12 प्रतिशत तक किया जा सकता है.
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