खलारी : केडीएच साइडिंग में आये दिन मिट्टी-पत्थर मिश्रित कोयला भेजा जा रहा है. इस कोयले को फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट (लिंकेज) कोटे से देश के कई पावर प्लांटों को भेजा जाता है. सीसीएल के इस रवैये पर लिफ्टरों ने आपत्ति जतायी है.
पावर कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे कोयला के लिए पैसा भुगतान करते हैं, लेकिन रैक से जब कोयला अनलोड होता है तो उसमें काफी मात्रा में पत्थर, मिट्टी व राख पाया जाता है. कहा कि प्रबंधन का यही रवैया रहा तो वे लोग यहां से कोयला ले जाना बंद कर देंगे. लिफ्टरों ने बताया कि केडीएच साइडिंग में कई खदानों से कोयला आता है, लेकिन रोहिणी और पुरनाडीह माइंस से जो कोयला भेजा जा रहा है उसमें पत्थर, मिट्टी व राख की मात्रा ज्यादा होती है.
इस संबंध में केडीएच के साइडिंग मैनेजर ने कहा कि ऐसी स्थिति हमेशा नहीं होती है. कभी एक-दो डंपर ऐसा कोयला साइडिंग में आ जाता है, लेकिन उसे रैक में नहीं लादा जाता है. खराब कोयले को किनारे कर दिया जाता है.