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जीएसटी आज संसद में होगा पेश, पढें बिल की खास बातें

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) विधेयक बुधवार यानी आज राज्यसभा में एक बार फिर पेश करेगी. कांग्रेस के थोड़े नम्र रुख से ऐसे संकेत हैं कि इस बार यह बिल राज्यसभा में पारित हो जायेगा. राज्यसभा में इस पर चर्चा के लिए साढ़े पांच घंटे निर्धारित किये गये हैं. […]

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) विधेयक बुधवार यानी आज राज्यसभा में एक बार फिर पेश करेगी. कांग्रेस के थोड़े नम्र रुख से ऐसे संकेत हैं कि इस बार यह बिल राज्यसभा में पारित हो जायेगा. राज्यसभा में इस पर चर्चा के लिए साढ़े पांच घंटे निर्धारित किये गये हैं. यह विधेयक लोकसभा से एक साल पहले ही पारित हो चुका है. विधेयक पहली बार 16 साल पहले वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में अस्तित्व में आया था. इधर, राज्यसभा में मंगलवार को जीएसटी में किये जानेवाले संशोधनों को सदन के सदस्यों के बीच वितरित किया गया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा को बताया कि एक साल से सदन में लंबित विधेयक को दो दिन पहले ही सचिवालय को सौंपा गया है.

भाजपा ने जारी किया व्हिप

भाजपा ने अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर तीन दिन सदन में उपस्थित रहने को कहा है. पीएम मोदी ने इस सत्र की शुरुआत में ही कहा था कि जीएसटी सभी के हित में है.

महत्वपूर्ण संशोधन
राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने के प्रावधान को समाप्त करना

राज्यों को पहले पांच साल के दौरान राजस्व नुकसान की पूरी भरपाई

विवाद समाधान प्रणाली से संबंधित प्रावधान में शब्दों को ठीक करना

कांग्रेस नेताओं की बैठक
जीएसटी लाने के लिए सरकार ने मसौदा संविधान संशोधन विधेयक को जैसे ही सांसदों के बीच वितरित किया गया, वैसे ही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इस पर विचार के लिए आनन-फानन में बैठक बुलायी. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा तथा अन्य के साथ संसद भवन में बैठक की और महत्वपूर्ण कर सुधार कानून से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की.

क्या हैं खास बातें

अभी अलग-अलग सामानों पर करीब 30 से 35% टैक्स देते हैं. जीएसटी में सभी टैक्स को साथ लाकर करीब 18 % करने की बात है. साथ ही सभी राज्यों में अमूमन सभी सामान एक रेट पर मिलेगा और टैक्स भी एक ही जैसा होगा. अभी राज्य अपने हिसाब से टैक्स लगाते हैं, इसलिए एक ही चीज दो राज्यों में अलग-अलग कीमतों पर बिकती हैं.

जीएसटी के आने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, एडीशनल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडीशनल कस्टम ड्यूटी, वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, परचेज टैक्स, लक्जरी टैक्स आदि खत्म हो जायेंगे.

इससे घर खरीदना, रेस्टोरेंट में खाना और कई उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं. वहीं चाय-कॉफी, डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं. पेट्रोल-डीजल-गैस जीएसटी के दायरे में नहीं आयेंगे.

सवाल है कि सरकार को इससे फायदा क्या है. अरविंद समिति के मुताबिक अभी बहुत से कारोबारी सेल्स नहीं दिखाते हैं, जबकि जीएसटी में हर लेन-देन की ऑनलाइन इंट्री होगी जिससे टैक्स चोरी पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा.

राज्यों को इससे कुछ नुकसान झेलना पड़ सकता है, लेकिन उनको जितना नुकसान होगा तीन साल तक उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी. चौथे साल 75 फीसदी और पांचवें साल 50 फीसदी नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करेगी.

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