बुलंदशहर: हाईवे पर हुए गैंगेरेप ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यदि पहले से पुलिस यहां मुस्तैद होती तो इस घटना को रोका जा सकता था. स्थानीय लोगों की माने तो इलाके में 12 दिन पहले ही एक युवती के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी जबकि पुलिस ने इसपर संज्ञान नहीं लिया. दोस्तपुर इलाके के लोगों की माने तो कुछ लोग ऑटो में एक महिला को यहां लेकर आए और गैगरेप किया. इस संबंध में ग्राम प्रधान ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वे गांव वालों के साथ घटनास्थल की ओर गए लेकिन गांव वालों को आता देख अपराधी फरार हो गए.
ग्राम प्रधान के अनुसार इस संबंध में उनकी ओर से पुलिस को साक्ष्य दिए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने पीडिता को कपड़े दिए और वहां से गुजर रही पुलिस को रूकवाकर अपराधियों के संबंध में साक्ष्य दिए फिर उसके बाद क्या कार्रवाई की गई उन्हें जानकारी नहीं. उनके अनुसार पीडिता की हालत खराब थी और उसे मदद की जरूरत थी. स्थानीय लोगों की माने तो ऐसी घटना हमेशा इलाके में होती रहती हैं लेकिन पीडित थाने में शिकायत नहीं करते जिसके कारण मामला प्रकाश में नहीं आया. पुलिस भी खुद मामलों पर केस दर्ज नहीं करती जिसके कारण अपराधियों के हौसले लगातार बुलंद हो चले थे.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में दिल्ली-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुलंदशहर के पास एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी से हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़ित परिवार के अनुसार, एनएच-91 पर दोस्तपुर गांव के पास डकैतों ने सड़क पर एक लोहे की रॉड को फेंक दिया था. पीडि़त परिवार को लगा कि कार का एक्सेल टूट गया है, इसलिए कार को सड़क किनारे रोक दिया. तभी झाड़ियों से करीब एक दर्जन हथियारबंद डकैत बाहर निकल आए. ये लोग परिवार को कार समेत हाईवे से करीब 50 मीटर दूर खेतों में ले गए और बंधक बनाकर लाखों रुपये नगद, सोने के गहनें और मोबाइल आदि कीमती सामान लूट लिये.
कार में बैठी परिवार की महिला और उसकी बड़ी बेटी से लुटेरों ने गैंगरेप किया. कार में एक महिला उसकी दो बेटियां और परिवार के तीन पुरुष मौजूद थे. इस मामले के बाद यूपी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई और अखिलेश सरकार ने पूरे थाने को सस्पेंड कर दिया.