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स्टेम सेल से रिपेयर होंगे दांत
दांतों में कैविटी हो जाने या फिर किसी कारण से क्षतिग्रस्त हो जाने पर रूट केनाल थेरेपी से उसका उपचार किया जाता है. अभी इसके लिए डेंटल फिलिंग का सहारा लिया जाता है. इसमें कई तरह की परेशानियां आती हैं. अब वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक नया रास्ता निकाला है. रिसर्चर्स ने रीजेनेरेटिव डेंटल फिलिंग […]
दांतों में कैविटी हो जाने या फिर किसी कारण से क्षतिग्रस्त हो जाने पर रूट केनाल थेरेपी से उसका उपचार किया जाता है. अभी इसके लिए डेंटल फिलिंग का सहारा लिया जाता है. इसमें कई तरह की परेशानियां आती हैं. अब वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक नया रास्ता निकाला है.
रिसर्चर्स ने रीजेनेरेटिव डेंटल फिलिंग तैयार किया है. यह रिसर्च हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी आॅफ नोटिंघम के वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है. इस तकनीक में डेंटल फिलिंग स्टेम सेल को स्टीम्यूलेट करने का काम करता है, जिससे डेंटिन बढ़ता है. हमारे दांतों का अधिकांश हिस्सा डेंटिन से ही तैयार होता है. डेंटिन के बढ़ने से रोग के कारण डैमेज दांत फिर से बढ़ कर ठीक हो जाते हैं.
यह तकनीक वर्तमान तकनीक से बेहतर है. अभी क्षतिग्रस्त दांतों की ड्रिलिंग की जाती है और उसमें फिलिंग को भर दिया जाता है.
रिसर्चरों के अनुसार अभी यूज किये जा रहे डेंटल फिलिंग मेटेरियल कोशिकाओं पर अल्प मात्रा में विषैला प्रभाव डालते हैं. नयी डेंटल फिलिंग के लिए बायोमेटेरियल तैयार किये गये हैं, जो सीधे डेंटल पल्प के संपर्क में रहते हैं. ये टिश्यू को स्टीम्यूलेट करते हैं, जिससे नेटिव स्टेम सेल्स की संख्या बढ़ती है. इनकी मदद से डेंटिन के आस-पास की जगह रिपेयर या रीजेनरेट होती है. अब इसके रिसर्चर इसे इंडस्ट्री के साथ मिल कर उत्पादन करना चाहते हैं, ताकि यह आमलोगों के लिए भी उपलब्ध हो सके.
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