नयी दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयकपर केंद्र सरकार अबऐतिहासिक मोड़ पर पहुंच गयी लगती है.बुधवार को जीएसटी एक बार फिरराज्यसभा मेंचर्चा के लिए रखा जायेगा. भाजपा नेअपने सभी सांसदोंकोव्हिप जारी कर सबको मौजूद रहने कानिर्देशदिया है. इस बिल के पास होने से टैक्स की संरचना में एक बड़ा बदलाव होगा. केंद्र सरकार भी इस विधेयक को पास करने की हर संभव कोशिश कर रही है. सभी राज्यों से चर्चा के बाद इस बिल पर एक आम सहमति बनी थी.हालांकिकांग्रेस इस बिल में कुछ संसोधन चाहती थी.
मानली गयी कांग्रेस की मांग
जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक में कुछ प्रमुख बदलावों को मंजूरी दे दी गयी. राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त विनिर्माण कर लगाने संबंधी प्रावधान हटा लिया गया है. इसके साथ ही जीएसटी अमल में आने के पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी पर भी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी. इस संशोधन के साथ ही उम्मीद की जाने लगी कि कांग्रेस अब बिल के समर्थन में आयेगा और इसे आसानी से मंजूरी मिल जायेगी.
इस मानसून सत्र में बिल पासकरानाबेहद जरूरी
कांग्रेस जीएसटी बिल 2009 में लेकर आयी थी. कांग्रेस के बाद अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार कई संशोधन के साथ इसे पास कराने की कोशिश कर रही है लेकिन किसी न किसी नियम को लेकर कांग्रेस इसके विरोध में खड़ी होती है. इस बिल पर चर्चा करते हुए केंद्र सरकार ने बयान दिया था कि हम चाहते हैं कि कांग्रेस इस बिल का सारा श्रेय ले ले, लेकिन इस बिल को पास करने में मदद करें. जीएसटी विधेयक में किये गये इन बदलावों पर राज्यों की सहमति होने और विधेयक में इन संशोधनों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद सरकार को लंबे समय से अटके पड़े जीएसटी विधेयक के राज्यसभा में पारित होने की उम्मीद है. सरकार को उम्मीद है कि विधेयक को संसद के चालू मानसून सत्र में ही पारित करा लिया जायेगा .
बिल को एक बार फिर भेजना होगा लोकसभा
जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक में यह भी प्रावधान किया जायेगा कि जीएसटी लागू होने पर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद की सूरत में जीएसटी परिषद में मामला जायेगा और वही फैसला करेगी. इस परिषद में केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि होंगे. .राज्यसभा में संशोधन के साथ विधेयक के पारित होने के बाद संशोधित विधेयक को फिर से लोकसभा में पारित कराने के लिए भेजना होगा.
सरकार की तरफ से पूरी तैयारी
जीएसटी पास कराने को लेकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर कमर कस ली है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो इसमें सभी उलझे मामले को सुलझा लिया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान भी यही संकेत दिये. भाजपा ने अपने सदस्यों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जतायी की इसके बिल के आने से भ्रष्टाचार मिटेगा. दूसरी तरफ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी उम्मीद जतायी कि अब जीएसटी बिल पास हो जायेगा.
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