रांची: केंद्र सरकार ने कैंसर, मधुमेह व हृदय रोग की रोकथाम व नियंत्रण के लिए कार्यक्रम शुरू किया है. अाम लोगों खास कर बुजुर्गों की देखभाल करना इस कार्यक्रम का मकसद है. इधर, दो वर्ष पूर्व के इस कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य विभाग को डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं.
इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट रांची, धनबाद व बोकारो में अब तक शुरू नहीं हो सका है. हालांकि सदर अस्पताल, रांची में इससे संबंधित पोस्टर जरूर लगा दिया गया है. रांची के रिम्स में सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल में राज्य का पहला व अकेला कैंसर विंग तो बना, पर शुरू नहीं हुआ.
दरअसल उपरोक्त रोगों के निदान के लिए विभाग को विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं मिल रहे हैं. पायलट प्रोजेक्ट वाले जिलों में कैंसर की शुरुआती पहचान व मरीजों की काउंसलिंग के लिए अंकोलॉजिस्ट (कैंसर विज्ञानी), टेक्नीशियन, नर्स व काउंसलर की भी नियुक्ति की जानी है.
राज्य में कैंसर केंद्र नहीं
केंद्र सरकार देश भर में कैंसर अस्पतालों व इसकी इकाई के जरिये राष्ट्रीय स्तर पर कैंसर निदान के तृतीय स्तर का कैंसर केंद्र बनाना चाहती है. इसके लिए पहले राज्य सरकारों को कैंसर अस्पताल व इकाई की स्थापना करनी होगी. इसके बाद केंद्र सरकार इसके सुदृढ़ीकरण के लिए राशि देगी. यह अनुपात 80:20 की है. कुल छह करोड़ वाली इस योजना के लिए केंद्र सरकार प्रति अस्पताल 4.80 करोड़ रुपये देगी. वहीं राज्य सरकार को 1.20 करोड़ का अंशदान देना है.