पटना : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन के आह्वान का असर बिहार के बैंकों पर भी दिखा. बिहार में बैंकों की सभी शाखाएं बंद रही. जानकारी की माने तो इस हड़ताल के करोड़ों रुपये के लेन-देन पर प्रभाव पड़ा है. कर्मचारियों ने सरकार द्वारा आर्थिक सुधार के नाम पर किये जा रहे बैंकों के निजीकरण और श्रम कानून में प्रस्तावित श्रमिक विरोधी संशोधनों का प्रयास आदि मुद्दों को लेकर आज प्रदर्शन किया. हड़ताल में बिहार में स्थित बैंकों के 38 हजार कर्मचारी और अधिकारी एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाये. हड़ताल की वजह से 6661 बैंक शाखाओं में ताला लटका रहा.
बैंकों में हड़ताल की वजह से ग्राहकों को काफी परेशानी हुई. एक आंकड़े की माने तो 20 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है. एटीएम में लंबी-लाइनें देखी गयी. वहीं दूसरी ओर बैंकों से जुड़े संगठनों ने इस हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया. कर्मचारियों का कहना है कि मुनाफे में चल रहे बैंकों का विलय किया जा रहा है. वहीं बैंकिंग सेक्टर की सबसे बड़ी परेशानी एनपीए यानी बैड लोन की लगातार अनदेखी की जा रही है.