लापरवाही. सरकारी आदेश पर कुंडली मार कर बैठे रहे अभियंता
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नहीं हुई करोड़ों रुपये की वसूली
लापरवाही. सरकारी आदेश पर कुंडली मार कर बैठे रहे अभियंता सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों को हिदायत देती रही है फिर भ्रष्टाचारी बाज नहीं आ रहे हैं. वहीं ग्रामीण कार्य प्रमंडल सुपौल में निर्मली-हटवरिया एवं जीवछपुर-दुबियाही पथ में प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना में संवेदक एवं अभियंताओं की मिलीभगत से […]
सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों को हिदायत देती रही है फिर भ्रष्टाचारी बाज नहीं आ रहे हैं. वहीं ग्रामीण कार्य प्रमंडल सुपौल में निर्मली-हटवरिया एवं जीवछपुर-दुबियाही पथ में प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना में संवेदक एवं अभियंताओं की मिलीभगत से व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गयी थी.
सुपौल : सरकार भ्रष्टाचार एवं भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के उद्देश्य से भले ही नित नये आदेश जारी कर रही है. लेकिन संबंधित विभागों के अधिकारी सरकार के आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल कर चैन की नींद सो जाते हैं.ऐसे ही एक मामले का खुलासा बुधवार को हुआ है. जिसमें ग्रामीण कार्य प्रमंडल सुपौल के कार्यपालक अभियंता द्वारा विगत तीन वर्ष तक सरकार के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं कराया गया और उक्त आदेश को दबा कर रखा गया.
सामाजिक कार्यकर्ता स्थानीय विद्यापुरी वार्ड नंबर दो निवासी अनिल कुमार सिंह द्वारा दायर परिवाद के आलोक में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अजय कुमार झा ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कार्यपालक अभियंता द्वारा समर्पित प्रतिवेदन पर काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए मामले को गंभीरता से लेते हुए सुनवाई की अगली तिथि आठ अगस्त निर्धारित करते हुए सभी साक्ष्य सहित स्पष्ट प्रतिवेदन के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया है.
क्या है मामला : ज्ञात हो कि ग्रामीण कार्य प्रमंडल सुपौल में निर्मली-हटवरिया एवं जीवछपुर-दुबियाही पथ में प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना में संवेदक एवं अभियंताओं की मिलीभगत से व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गयी थी. सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह द्वारा इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री, आर्थिक अपराध इकाई सहित ग्रामीण कार्य विभाग के सभी वरीय पदाधिकारी को साक्ष्य के साथ शिकायत पत्र समर्पित किया गया था. समर्पित शिकायत पत्र के आलोक में जांचोपरांत
मुख्यमंत्री के आदेश पर तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता को निलंबित करते हुए इनके विरुद्ध सरकारी राशि के गबन को लेकर पिपरा थाना में प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी थी.साथ ही साथ सरकारी राशि के क्षति के रूप में एक करोड़ 63 लाख रुपये की वसूली दोषी अभियंताओं से ही करने का आदेश दिया गया था. लेकिन सरकार के आदेश के बाद दोषी अभियंताओं के विरुद्ध प्राथमिकी तो दर्ज की गयी. लेकिन आदेश के तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकारी राशि की वसूली नहीं की जा सकी है.
शिकायत के बाद हुआ मामले का खुलासा : ग्रामीण कार्य प्रमंडल सुपौल में पीएमजीएसवाई के अंतर्गत निर्मली-हटवरिया तथा जीवछपुर-दुबियाही पथ के निर्माण में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरते जाने के बाद स्थानीय विद्यापुरी निवासी अनिल कुमार सिंह ने इस मामले का खुलासा करते हुए सभी वरीय पदाधिकारी एवं आर्थिक अपराध इकाई के आईजी प्रवीण वशिष्ठ को साक्ष्य सहित आरोप पत्र समर्पित करते हुए मामले की जांच कर कार्रवाई का अनुरोध किया था.आर्थिक अपराध इकाई एवं विभाग के स्तर पर जब मामले की जांच प्रारंभ की गयी तो सड़क निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने की पुष्टि हुई.
मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई कार्रवाई
संयुक्त जांच कमेटी द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन के आधार पर विभागीय स्तर पर समीक्षा की गयी.समीक्षा के उपरांत सड़क निर्माण में पायी गयी अनियमितताओं के लिए दोषी अभियंताओं एवं संवेदक के विरुद्ध मुख्यमंत्री ने प्राथमिकी दर्ज करने, अभियंताओं को निलंबित करने तथा सरकार के एक करोड़ 63 लाख 79 हजार 416 रुपये की हुई क्षति के रूप में वसूली करने का आदेश दिया.विभाग ने मुख्यमंत्री के आदेश पर तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सुरेश कुमार सिहं, सहायक अभियंता विमल कुमार एवं कनीय अभियंता सुनील कुमार सिंह को निलंबित करते हुए पिपरा थाना में सरकारी राशि के गबन का मामला दर्ज कराया. लेकिन गबन की गयी राशि की वसूली अब तक नहीं हो पायी है.
पीएमजीएसवाई योजना के तहत व्यापक पैमाने पर बरती गयी अनियमितता
सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने दिया कार्रवाई का आदेश
तीन वर्ष इंतजार करने के बाद शिकायत कर्ता ने खटखटाया लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का दरवाजा
लोक शिकायत निवारण में दायर हुआ परिवाद
विगत तीन वर्षों से कार्रवाई की आस में बैठे सामाजिक कार्यकर्ता श्री सिंह ने गत 18 जुलाई को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष वाद दायर कर मामले की जानकारी देते हुए अभियंताओं एवं संवेदक द्वारा गबन किये गये सरकारी राशि की वसूली सुनिश्चित करवाने का अनुरोध किया. जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने बुधवार को शिकायतकर्ता श्री सिंह एवं विभागीय पदाधिकारी की उपस्थिति में मामले की सुनवाई प्रारंभ की.
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने खारिज करते हुए अगली सुनवाई आठ अगस्त निर्धारित करते हुए साक्ष्य के साथ अभियंता को उपस्थित होने का आदेश दिया है.
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