लखनऊ : उत्तर प्रदेश में नंबर एक पोजीशन की पार्टी सपा प्रदेश में अपना रुतबा खोना नहीं चाहती है. यही कारण है कि उसने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए घोषित प्रत्याशियों की सूची में बड़े बदलाव के संकेत दे दिये हैं. साथ ही जिला स्तर के संगठन में भी पार्टी परिवर्तन करेगी. परिवर्तन का आधार मंडल प्रभारियों की रिपोर्ट को बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद शीर्ष नेतृत्व ने उनकी रिपोर्ट लेने के लिए मंडल प्रभारियों को नियुक्त किया था. ये मंडल प्रभारी एमएलसी हैं. इन्होंने प्रत्याशियों की रिपोर्ट वहां के स्थानीय नेताओं, पार्टी पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों से बातचीत के आधार पर बनायी है.
मंडल प्रभारियों की रिपोर्ट पर होगी कार्रवाई
अधिकतर मंडल प्रभारियों ने अपनी रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व मुलायम सिंह यादव और रामगोपाल यादव को सौंप दी है. इनकी रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशियों की सूची में फेरबदल संभव है. वही जिला स्तर के संगठन में प्रभारियों की रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी. ऐसी आशंका है कि कई जिला अध्यक्षों की भी छुट्टी हो सकती है.
कई विधायकों पर गिरेगी गाज
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कई विधायकों की रिपोर्ट अच्छी नहीं है. उनपर यह आरोप है कि उन्होंने विकास कार्यों पर पर्याप्त तरजीह नहीं दी है, ऐसे में उनके परफार्मेशन को आधार बनाकर उनपर गाज गिर सकती है. हालांकि कुछ विधायकों की रिपोर्ट अच्छी भी मिली है. बावजूद इसके खबर है कि लगतभग एक तिहाई विधायकों के टिकट कटेंगे. प्रभारियों की रिपोर्ट है कि कई क्षेत्रों में जातिगत गणित को दरकिनार कर प्रत्याशियों की सूची जारी है जिसमें अब बदलाव किया जायेगा.