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एक माह में 9.03% सर्वे दो महीने में 100% कैसे
सभी घरों में बिजली पहुंचाने के लिए सर्वेक्षण का काम 25 सितंबर तक पूरा करना है सुमित कुमार पटना : मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी घरों में बिजली पहुंचाने के लिए सर्वेक्षण का काम लापरवाही का शिकार हो रहा है. सर्वेक्षण का यह काम 25 सितंबर तक […]
सभी घरों में बिजली पहुंचाने के लिए सर्वेक्षण का काम 25 सितंबर तक पूरा करना है
सुमित कुमार
पटना : मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी घरों में बिजली पहुंचाने के लिए सर्वेक्षण का काम लापरवाही का शिकार हो रहा है. सर्वेक्षण का यह काम 25 सितंबर तक पूरा कर लेना है, लेकिन बीते एक महीने में इसकी प्रगति निराशाजनक है.
इस अवधि के दौरान पूरे सूबे में महज 9.03 फीसदी घरों का ही सर्वे पूरा किया जा सका है. 30.51 फीसदी घरों का सर्वेक्षण कर मुख्यमंत्री का गृह जिला नालंदा सबसे आगे चल रहा है, वहीं आठ जिले ऐसे हैं, जहां लक्ष्य का पांच फीसदी भी हासिल नहीं हो सका है. अगले दो महीने में 91 फीसदी का लक्ष्य हासिल करना बिजली इंजीनियरों के लिए बड़ी चुनौती होगी.
सर्वे कार्य के लिए बिजली इंजीनियरों को नोडल अफसर बनाया गया है. यह बिजली इंजीनियर प्रखंडों में पदस्थापित जिला प्रशासन के इंदिरा आवास सहायक व पंचायत रोजगार सेवकों की मदद से सर्वेक्षण कार्य में लगे हैं.
सर्वेक्षण के लिए इंदिरा आवास सहायक व पंचायत रोजगार सेवकों को ट्रेनिंग देते हुए उनके सरकारी मोबाइल में एप डाउनलोड किया गया है. इस एप के माध्यम से उनको प्रतिदिन बिजली इंजीनियरों को सर्वे की ऑनलाइन रिपोर्ट देनी है. इंजीनियरों की मानें तो पंचायत रोजगार सेवकों व इंदिरा आवास सहायकों की लापरवाही के चलते यह रिपोर्ट नहीं मिल पा रही.
बना रहे दबाव
सीएम के इस ड्रीम प्राेजेक्ट को समय पर पूरा करने को लेकर बिजली कंपनी के एमडी की तरफ से बिजली इंजीनियरों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है. जिले में डीएम भी बिजली इंजीनियरों से लेकर बीडीओ से नियमित रूप से इसकी रिपोर्ट ले रहे हैं. लेकिन ग्राउंड लेवल पर कर्मियों के रुचि नहीं लेने से सर्वे में प्रगति नहीं हो रही. पंचायत रोजगार सेवक व इंदिरा आवास सहायक अपने कार्य की अधिकता बताते हुए इंजीनियरों से पिंड छुड़ा रहे हैं.
पटना में 6.25% काम
पटना में अब तक सर्वे का 6.25 फीसदी काम ही पूरा हो सका है. जिले के ग्रामीण इलाकों में 6.31 लाख से अधिक घरों का सर्वे किया जाना है, जिसके मुकाबले फिलहाल 39542 घरों का सर्वे ही पूरा हो सका है. शुरुआती दस दिनों में पटना में सर्वे की रफ्तार काफी धीमी थी, लेकिन इधर कुछ दिनों में इसकी रफ्तार बढ़ी है.
टॉप पांच जिले
नालंदा 30.51 फीसदी
शेखपुरा 27.49 फीसदी
बक्सर 20.18 फीसदी
अरवल 19.37 फीसदी
पूर्वी चंपारण 15.14 फीसदी
बॉटम पांच जिले
समस्तीपुर 2.58 फीसदी
सारण 2.94 फीसदी
मुंगेर 3.40 फीसदी
भागलपुर 3.65 फीसदी
भोजपुर 3.96 फीसदी
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