आरोपी के पिता की मौत दो वर्ष पहले ही बीमारी से हो चुकी है. पति की मौत के बाद आरोपी की मां सुमित्रा देवी अपने दो बच्चों को लेकर मायके में रह रही थी. इससे पहले ये लोग बिहार के कटिहार इलाके में रहते थे.
बेटे की गिरफ्तारी की जानकारी रात में परिवार तक पहुंचा दी गयी. आरोपी निर्मल सिंह का छह महीने का एक संतान घर में बीमार है. सुमित्रा देवी ने कहा कि निर्मल ऐसा काम क्यों करेगा, यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है. निर्मल सिंह व्यवसायी रामरतन अग्रवाल के फर्म में 150 रुपए की दैनिक मजदूरी पर काम करता था. शादी के बाद से उसकी मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी. जिसकी वजह से पिछले पांच महीने से वह काम भी नहीं कर रहा था. काम छोड़ने के बाद भी रामरतन अग्रवाल बार-बार उसे बुलावा भेजते थे. काम कराने के बाद भी राम रतन मेहनताना नहीं देते थे. यह बात बेटे ने कई बार बतायी थी.
निर्मल ने मालिक से दस हजार रुपये कर्ज मांगा था लेकिन मालिक ने देने से इनकार कर दिया. इसकी वजह से निर्मल के मन में मालिक के प्रति गुस्सा जरूर था. घटना की रात निर्मल घर नहीं आया था. शुक्रवार को पता चला कि वह अपने बहन के घर पर है. शुक्रवार को घर लौटने के बाद निर्मल ने हजामत बना ली थी और बताया कि मालिक की हत्या हो गयी है, वही देखने गया था. सुमित्रा देवी ने आगे बताया कि शनिवार को पुलिस निर्मल को घर से ले गयी. रविवार उससे मिलने थाने गयी थी. वह बच्चों की तरह रो रहा था. उसने कहा कि तुम लोग ठीक से रहना, मैं अब नहीं रहा. निर्मल के इस कांड से ग्रामवासी भी हैरत में हैं. ग्रामवासियों का कहना है कि हमेशा शांत रहने वाला लड़का इतना घातक हो सकता है किसी ने नहीं सोचा था. इलाके में उसने किसी से भी जोर से बात तक नहीं की होगी.