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बिहार में दलितों, महादलितों और पिछड़ों की साक्षरताके लिये 340.84 करोड़ मंजूर

पटना : महादलितों, दलितों, अतिपिछड़ों और अल्पसंख्यकों में साक्षरता और इस श्रेणी के लोगों को विकास के कार्यक्रम से जोड़ने के लिए 340.84 करोड़ 68 लाख खर्च किया जायेगा. यह निर्णय सोमवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. सरकार के इस निर्णय से राज्य के महादलित, दलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना […]

पटना : महादलितों, दलितों, अतिपिछड़ों और अल्पसंख्यकों में साक्षरता और इस श्रेणी के लोगों को विकास के कार्यक्रम से जोड़ने के लिए 340.84 करोड़ 68 लाख खर्च किया जायेगा. यह निर्णय सोमवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. सरकार के इस निर्णय से राज्य के महादलित, दलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत 15 से 35 वर्ष आयु के आठ लाख महादलित, दलित और अतिपिछड़ा वर्ग के महिलाओं और चार लाख अल्पसंख्यक महिलाओं को बुनियादी साक्षरता और विकास के योजनाओं से इन समुदायों के छह से 14 साल उम्र के बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ा जायेगा. यह जानकारी कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहराेत्रा ने दी. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम पर तत्काल खर्च के लिए एक सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया है.

एसटीएफ के जवानों की प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ी

कैबिनेट सचिव ने बताया कि वामपंथी उग्रवादियों को रोकने और नियंत्रण के लिए गठित एसटीएफ के लिए प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मियों की चार वर्ष की प्रतिनियुक्ति को अब सात साल करने का निर्णय लिया गया है. यह सामान्य परिस्थिति में प्रतिनियुक्ति बढ़ेगा. वहीं सूचना संग्रह करने वाले, प्रशिक्षण में जुटे व वाहन परिचालन में लगे पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति अब दस साल कर दिया गया है. सरकार के इस निर्णय के साथ ही इस श्रेणी में संविदा पर नियुक्त पुलिसकर्मियों की सेवा बढ़ाने सहित अन्य कार्य का त्वरित निष्पादन किया जायेगा.

नयी उत्पाद और नयी औद्योगिक नीति स्वीकृत

कैबिनेट की बैठक में नयी उत्पाद और नयी औद्योगिक नीति को स्वीकार कर लिया है. हालांकि इसकी अाधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है. मिली जानकारी के अनुसार दोनों नीति को मानसून सत्र में पारित किया जायेगा. इसके साथ ही राज्य में नयी उत्पाद नीति के तहत शराबबंदी के लिए कार्रवाई शुरू हो जायेगी. साथ ही राज्य में रोजगारपरक उद्योग नीति लागू हो जायेगा.

आइटीआइ के छात्रावास का नियंत्रण अब कौशल विकास मिशन को

राज्य मंत्रिपरिषद ने राज्य के सभी सरकारी आइटीआइ और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में बने एमएसडीपी योजना के तहत छात्रावासों का नियंत्रण कौशल विकास मिशन को सौंपा गया है. सरकार का मानना है कि मिशन के नियंत्रण में इन छात्रावासों का उपयोग होगा. राज्य में 84 आइटीआइ संस्थान हैं. इन संस्थानों के छात्रावास अब कौशल विकास मिशन के द्वारा संचालित होगा. इसके लिए मिशन द्वारा छात्रावास संचालन समिति और संचालन कोष का गठन किया जायेगा. छात्रावास के खाली रहने पर कौशल विकास मिशन द्वारा इसका कौशल प्रशिक्षण केंद्र के रूप में किया जायेगा. मिशन जल्द ही ऐसे छात्रावासों में बिजली पानी आदि की सभी सुविधा बहाल करेगा. सरकार अपनी एजेंसी से ऐसे छात्रावासों की मरम्मती करायी जायेगी.

हरियाली मिशन के लिये राशि आवंटित

बैठक में राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक कृषि रोड मैप के तहत 17 वन प्रमंडलों के सामान्य पथ तटबंध और 24 वन प्रमंडलों के विभिन्न जिला और अनुमंडलों के तटबंधों के साथ पूर्णिया वन प्रमंडल के दो शहरी पथ तटबंधों पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलायेगी. इस पर 21.27 करोड़ रुपये खर्च किया जायेगा. वर्तमान वित्तीय वर्ष में खर्च के लिए 15.80 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किया गया है

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