7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पत्रकार वीजा मामला : चीनी मीडिया ने भारत को गंभीर परिणाम की दी चेतावनी

बीजिंग : चीन के सरकार संचालित एक दैनिक अखबार ने देश के तीन पत्रकारों के वीजा की अवधि बढाने से भारत के इंकार पर नाराजगी जताते हुए आज चेतावनी दी कि यदि यह कदम एनएसजी में सदस्यता हासिल करने की कोशिश में चीन के भारत का साथ नहीं देने की प्रतिक्रिया है तो इस बात […]

बीजिंग : चीन के सरकार संचालित एक दैनिक अखबार ने देश के तीन पत्रकारों के वीजा की अवधि बढाने से भारत के इंकार पर नाराजगी जताते हुए आज चेतावनी दी कि यदि यह कदम एनएसजी में सदस्यता हासिल करने की कोशिश में चीन के भारत का साथ नहीं देने की प्रतिक्रिया है तो इस बात के ‘गंभीर परिणाम’ होंगे. ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने ‘भारत द्वारा संवाददाताओं का निष्कासन एक तुच्छ कार्य है’ शीर्षक से छपे संपादकीय में कहा, ‘ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के शामिल होने का विरोध किया, इसलिए भारत अब बदला ले रहा है. यदि नयी दिल्ली वाकई एनएसजी सदस्यता के मुद्दे के कारण बदला ले रही है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.’

चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के तीन चीनी पत्रकारों की भारत में रहने की अवधि बढाने से इंकार कर दिया गया है. इन तीन पत्रकारों में दिल्ली स्थित ब्यूरो के प्रमुख वु कियांग और मुंबई स्थित दो संवाददाता-तांग लु और मा कियांग शामिल हैं. इन तीन पत्रकारों के वीजा की अवधि इस माह के अंत में पूरी हो रही है. इन तीनों ने उनके बाद इन पदों को संभालने वाले पत्रकारों के यहां पहुंचने तक के लिए वीजा अवधि में विस्तार की मांग की थी.

संपादकीय में कहा गया कि भारत के इस कदम को कुछ विदेशी मीडिया संस्थानों ने एक ‘निष्कासन’ करार दिया है. ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने कहा, ‘वीजा की अवधि नहीं बढाए जाने के लिए कोई आधिकारिक कारण नहीं दिया गया. कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों का दावा है कि इन तीन पत्रकारों पर फर्जी नामों का इस्तेमाल कर दिल्ली एवं मुंबई के कई प्रतिबंधित विभागों में पहुंच बनाने का संदेह है.

ऐसी रिपोर्ट भी है कि इन पत्रकारों ने निर्वासित तिब्बती कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.’ समाचार पत्र ने भारत में अपने पूर्व संवाददाता लु पेंगफेई के हवाले से कहा कि चीनी पत्रकारों को साक्षात्कार लेने के लिए फर्जी नामों का इस्तेमाल करने की ‘कतई आवश्यकता’ नहीं है और संवाददाताओं के लिए दलाई लामा समूह का साक्षात्कार लेने का अनुरोध करना पूरी तरह सामान्य बात है.

संपादकीय में कहा गया, ‘इस कदम ने नकारात्मक संदेश भेजे हैं और इससे चीन एवं भारत के बीच मीडिया संवाद पर निस्संदेह नकारात्मक असर पडेगा.’इसमें दावा किया गया है कि एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करके चीन ने कुछ अनुचित नहीं किया. उसने ऐसा करके इस नियम का पालन किया कि सभी एनएसजी सदस्यों के लिए परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है.

समाचार पत्र ने कहा, ‘भारत का दिमाग शंकालु है. चीनी संवाददाता भले ही लंबी अवधि के वीजा के लिए आवेदन दें या किसी अस्थायी पत्रकार वीजा के लिए आवेदन दें, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पडेगा. भारत के साथ काम करने वाले अन्य चीनी लोगों ने भी भारतीय वीजा प्राप्त करने में मुश्किलें पेश आने की शिकायतें की हैं. इसके विपरीत, भारतीयों के लिए चीनी वीजा प्राप्त करना अपेक्षाकृत बहुत आसान है.’

इसमें कहा गया है, ‘हमें इस बार वीजा मामले पर, अपनी प्रतिक्रिया दिखाने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए. हमें कम से कम कुछ भारतीयों को यह एहसास कराना चाहिए कि चीनी वीजा प्राप्त करना भी आसान नहीं है.’ संपादकीय में चीन एवं भारत के बीच मित्रवत संबंध बनाए रखने की भी वकालत की गई है. समाचार पत्र ने कहा, ‘चीन और भारत के संबंध अभी सही पटरी पर हैं, सीमा पर कुल मिलाकर शांति है और व्यापार में लगातार बढोतरी हो रही है. दोनों उन अंतरराष्ट्रीय मामलों के संबंध में आम तौर पर तटस्थता बनाए हुए हैं जो अन्य पक्ष से संबंधित हैं.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें